माननीय राष्ट्रपति और क्षत्रिय समाज के नाम का कथित दुरूपयोग के विरुद्ध लोक शक्ति ने खोला मोर्चा
लखनऊ। राज्य सभा सांसद व आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रभारी संजय सिंह ने राजनीतिक दुर्भावना के तहत माननीय राष्ट्रपति के नाम का दुरूपयोग किया है. ऊन्होंने एसटीएफ द्वारा ब्राह्मण समाज के लोगों को कथित तौर पर मारने के आधार पर उसे ' स्पेशल ठाकुर फोर्स ' कहकर संपूर्ण क्षत्रिय समाज को अपराधी की श्रेणी में खड़ा कर दिया है. इसके अलावा संजय सिंह समाज में जातीय सांप्रदायिकता का प्रचार - प्रसार करने वाले लगातार दुर्भावनापूर्ण बयान दे रहे है जिसके खिलाफ शासन - प्रशासन कार्रवाई करने में विफल है. यह वकतव्य लोकशक्ति अभियान ' एक स्वैच्छिक संगठन ' के अध्यक्ष व 36 रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के पूर्व निर्दलीय प्रत्याशी नैमिष प्रताप सिंह ने व्यक्त किया.
नैमिष प्रताप सिंह ने कहा कि मीडिया में बाजीगरी दिखाकर अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे संजय सिंह द्वारा दिये गए तथ्यों से परे अनर्गल आरोपों के आधार पर उनके खिलाफ कानून की नकेल कसना जरूरी हो गया है. इसीलिए आज उनके विरुद्ध प्रभारी निरीक्षक थाना : गाजीपुर , पुलिस कमिश्नरेट : लखनऊ को ह्वाट्स एप के द्वारा प्रार्थनापत्र भेजकर कानूनी कार्रवाई की मांग किया गया है. नैमिष प्रताप सिंह ने यह भी बताया कि इसके अलावा संबन्धित डीसीपी से लेकर पुलिस विभाग के अन्य उच्चाधिकारियों को ईमेल के द्वारा प्रार्थनापत्र भेजकर संजय सिंह के खिलाफ समुचित कानूनी कार्रवाई के लिए आग्रह किया गया है.
बताते चले कि 12 अगस्त को एक प्रेस वार्ता में संजय सिंह ने अपने दिये गए बयान व अन्य बयानों के जरिये वे लगातार मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम जी की अवतार भूमि अयोध्या में हुए शिलान्यास में मा.राष्ट्रपति के न आने को लेकर उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के एजेंडे को प्रायोगिक स्वरूप देते हुए मा.राष्ट्रपति के नाम व पद की गरिमा को जमींदोज कर रहे है . वे अपनी तीव्र राजनीतिक महात्वाकांक्षा के चलते यह भूल गए कि संविधान के अनुसार राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च होता है , जिसमें संघ की कार्यपालिका शक्ति निहित होती है , एैसी में इस पद या इस पर बैठे व्यक्ति का नाम राजनीतिक विवादों में घसीटना अपराध नहीं बल्कि देशद्रोह है . इसके अतिरिक्त संजय सिंह ने एसटीएफ द्वारा ब्राह्मण समाज के लोगों को कथित तौर पर मारने के आधार पर उसे ' स्पेशल ठाकुर फोर्स ' कहकर संपूर्ण क्षत्रिय समाज को अपराधियों की श्रेणी में खड़ा करने का प्रयास किया है , जो समाज में अशांति - अराजकता की ओर ले जाने वाला है . राज्यसभा के सांसद होते हुए भी वे लगातार जातीय वैमनस्य को बढ़ावा देने वाले अनर्गल बयान दे रहे है जैसे कि प्रदेश में केवल ठाकुरों का काम हो रहा है , प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री लाचार है , केशव प्रसाद मौर्य ( मा. उप मुख्यमंत्री ) ने अपनी जाति के कितने लड़को को नौकरी दिलवाई आदि ? कुल मिलाकर संजय सिंह के बयानों से यही प्रतीत होता है कि वे अपनी राजनीतिक जमीन बनाने के लिए तथ्यों से परे बयानबाजी करके समाज में व्यापक स्तर पर अराजकता - हिंसा करवाना चाहते है. इसलिए लोकहित के लिए लगातार संघर्षरत लोकशक्ति अभियान ' एक स्वैच्छिक संगठन ' ने उत्तर प्रदेश राज्य और जन हित में संजय सिंह द्वारा 12 अगस्त के और इस संदर्भ में दिये गए दूसरे बयानों के आधार पर उनके खिलाफ संगत धाराओं में प्रथम सूचना रपट दर्ज करके त्वरित , निष्पक्ष व सक्षम कानूनी कार्रवाई के लिए मोर्चा खोल दिया है.
... लखनऊ से जितेन्द्र झा की यह खास रिपोर्ट ...