सोम में ऊँ समाया है
सोमवार अर्थात चंद्रवार का सीधा सा अर्थ है कि चंद्रमा का दिन। चंद्रमा शीतलता का प्रतीक है और शीतलता भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय है। सोम का दूसरा अर्थ सौम्यता भी होता है अर्थात् जिसमें शीतलता है, जिसमें सौम्यता है वो भगवान शिव को अतिप्रिय है। या यूँ कहें कि भगवान शिव की शरण में जाने के बाद जैसे कुटिल चंद्रमा भी सर्व पूज्य और शीतल व सौम्य हो गया इसी प्रकार यह जीव भी उन भोलेनाथ की शरण में जाकर शीलता और सौम्यता को प्राप्त कर जाता है।
शिव स्वयं ओंमकार स्वरूप ही हैं और सोम में भी ऊँ समाया है इसलिए भी भगवान शिव को सोमवार अतिप्रिय है।
संसार तुम्हारे विरुद्ध खड़ा हो जाओ चिंता मत करना। बस जीवन में शालीन व सहज बने रहना। जैसे ही भगवान शिव के पूजन के लिए जाओगे शिव रीझ जाएँगे और सारे संकटों को हर लेंगे। बहुधा लोगों को लगता है कि हम बहुत भोले हैं, इसलिए लोग ठग लेते हैं।बिलकुल भी परेशान ना होना, भोलापन को बने रहने देना। भोले लोगे के नाथ ही ये भोले नाथ हैं। भगवान भोलानाथ तुम्हारे साथ खड़े हैं।