गोवंश आधारित प्राकृतिक एवं जैविक खेती की तरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत - राज्यपाल


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन, लखनऊ से नीति आयोग भारत सरकार द्वारा आनलाइन आयोजित 'जीरो बजट गौ आधारित प्राकृतिक कृषि’ विषयक कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोवंश आधारित प्राकृतिक एवं जैविक खेती की तरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। लेकिन किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्राकृतिक विधि से उत्पादित खाद्यान्नों के विक्रय की है। इसके लिए कोई नजदीकी बाजार उपलब्ध नहीं है। नीति आयोग को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को बिचौलियों से बचाने की जरूरत है ताकि वे कम मूल्य पर अपने उत्पाद न बेचने पायें।


श्रीमती आनंदीबेन ने कहा कि किसान सिंचाई के लिए अब सोलर पम्प का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं तथा इससे बिजली की बचत भी हो रही है। लेकिन इन किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि इनके सोलर पैनेल रात में खराब कर दिए जा रहे हैं, जिससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने नीति आयोग को सुझाव दिया कि सोलर पम्प पैनलों को बीमा सुविधा के साथ जोड़ा जाय, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।


राज्यपाल ने नीति आयोग का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि प्राकृतिक एवं आर्गेनिक कृषि उत्पादों की टेस्टिंग के लिए सभी कृषि विश्वविद्यालयों में टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाने की आवश्यकता है, जिससे किसानों को उत्पादों की बिक्री हेतु आसानी से व यथाशीघ्र कृषि उत्पादों का प्रमाणीकरण (सर्टिफिकेशन) हो सके।


राज्यपाल ने नये कृषि कानूनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन कानूनों से किसानों को स्वतंत्र होकर अपने कृषि उत्पादों को मंडी में या मंडी के बाहर कहीं भी अच्छी कीमत पर बेचने की आजादी रहेगी। इससे किसानों को फायदा होगा।


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