हाथरस की निर्भया का दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान हुई मौत


हाथरस। हाथरस में 14 सितंबर को सामूहिक दुष्कर्म के बाद अमानवीय कृत्य झेलने वाली पीड़िता का संघर्ष मंगलवार को नई दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में समाप्त हो गया। हाथरस की निर्भया के साथ इस कृत्य के बाद मानवता शर्मसार है। सामूहिक दुष्कर्म के बाद दलित बेटी की जुबान काटी गई और भयानक जख्म दिए गए थे। इस मामले में पीड़िता के बयान के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 14 सितंबर के इस कांड के बाद पुलिस को सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज करने में आठ दिन लगे। अगर पीड़िता का बयान सामने ना आता तो पुलिस दरिंदो को बचाती रहती। पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने पीड़िता की मौत की पुष्टि की है। सोमवार को हालत बेहद गंभीर होने पर उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था। जहां इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई।


हाथरस में 14 सितंबर को एक 19 वर्ष की युवती के साथ उसके गांव के ही रहने वाले चार दबंग युवकों ने दुष्कर्म किया था और वह कुछ किसी को बता न पाए इसके लिए उसकी जीभ काट दी थी। इसके बाद से पीडि़ता जिंदगी-मौत से संघर्ष कर रही है। इस दौरान उसका जेएन मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ के आईसीयू वार्ड में इलाज चल रहा था। इसके बाद उसको सोमवार को दिल्ली सफदरजंग हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। अलीगढ़ में पीड़िता की हालत में यहां कोई सुधार नही दिख रहा था। उसके परिवार के लोगों ने उसका इलाज दिल्ली में कराने की इच्छा जतायी तो इसके बाद उसे सोमवार की सुबह दिल्ली एम्स में भेज दिया गया।


पीड़िता के भाई ने 14 सितंबर को थाना चन्दपा में लिखित सूचना दी कि संदीप पुत्र गुड्डु निवासी थाना चंदपा जनपद हाथरस ने आकर गला दबाकर पीड़िता की हत्या करने की कोशिश की। इसके बाद संदीप पुत्र गुड्डू उपरोक्त के विरुद्ध पंजीकृत किया गया था। विवेचना के क्रम में पीड़िता के बयान के आधार पर तीन अन्य लोग प्रकाश में आये। इसके बाद सभी नामजद की गिरफ्तारी की गई। 


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