हाथरस मामले में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने भेजा नोटिस


लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष, सुषमा सिंह द्वारा जनपद हाथरस में ‘‘दुष्कर्म पीडि़ता की मौत‘‘ विषयक घटना में पुलिस द्वारा सही धाराओं में मुकदमा दर्ज नही करने, मुकदमा में रेप की धारा नही लगाने व विवेचना में भारी लापरवाही करने, पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने, जबरदस्ती शव को जलाने तथा पुलिस द्वारा रेप एवं मर्डर केस में अत्यन्त धीमी तथा दूषित कार्यवाही करने के संबंध में जिम्मेदार सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही न किये जाने के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक अलीगढ़ परिक्षेत्र अलीगढ़/पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश/अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन आगरा को नोटिस भेजते हुए दोषियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्तक कार्यवाही कर कृत कार्यवाही का सम्पूर्ण विवरण तथा अद्यतन आख्या तत्काल उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त मामले में आयोग की सदस्य रामसखी कठेरिया द्वारा पीडि़त परिवार से भेंट की व स्थानीय प्रशासन को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था।


उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने कहा कि हाथरस में बालिका के साथ घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दोषी कतई नहीं बचेंगे। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस की घटना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता की। तथा आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाथरस के मामले की जांच के लिए तुरंत गृह सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित कर 7 दिन में रिपोर्ट दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया। त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा।


उपाध्यक्ष ने आग्रह किया कि हाथरस निर्भया के न्याय हेतु हम सभी मिलकर संघर्ष करें पर उस निर्भया की फोटो, विडियो, नाम, पहचान आदि नेट या सोशल मीडिया पर सार्वजनिक न करें यह 228ए आई.पी.सी का अपराध है। 


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