बाल अपराध में पूरे देश में सबसे ज्यादा अभियुक्त उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार - अपर मुख्य सचिव, गृह


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशो के अनुपालन में प्रदेश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कठोर कार्यवाही कर अपराधियों को प्रभावी पैरवी के माध्यम से अधिकतम सजा दिलवाने के लिए किये जा रहे प्रयासो के सार्थक नतीजे सामने आये है।

प्रदेश के अभियोजन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के लिए अभियान चला कर विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। शासन द्वारा भी अभियोजन कार्य की निरन्तर सघन समीक्षा की जा रही है।

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुये बताया एन0सी0आर0बी0 द्वारा प्रकाशित ‘‘क्राइम इन इण्डिया-2019’’ के आकड़ों से तुलनात्मक अध्ययन करने पर ज्ञात हुआ है कि प्रदेश में महिलाओं एवं नाबालिग बच्चों के विरूद्ध लैंगिक अपराधों से सम्बन्धित मामलों में सजा का प्रतिशत 55.2 रहा है, जो देश के अन्य राज्यों से काफी अधिक है।क्राइम इन इण्डिया-2019 के आंकड़ों के अनुसार सम्पूर्ण प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध सजा के मामलों में उत्तर प्रदेश में 8059 मामले दोषसिद्ध कराये गये हैं, जबकि इसकी तुलना में राजस्थान में 5625 मामले, मध्य प्रदेश में 4191 मामले, आन्ध्र प्रदेश में 608 मामले और महाराष्ट्र में 1552 मामले दोषसिद्ध हुये हैं। इस प्रकार दोषसिद्धि के हिसाब से उत्तर प्रदेश पूरे देश में अग्रणी है।


श्री अवस्थी ने बताया कि इस वर्ष 2020 में जनवरी से सितम्बर तक की अवधि में प्रदेश में कुल 57 बलात्कार के मामलों में अभियुक्तों को 10 वर्ष या आजीवन कारावास से दण्डित कराया गया है। साथ ही साथ इसी अवधि में प्रदेश में कुल 151 पाॅस्को एक्ट के मामलों में भी सजा करायी गयी है। इस वर्ष सितम्बर मास तक कुल 1835 महिला अपराधों से सम्बन्धित वादों का निस्तारण हुआ, जिनमें से 612 मामलों में अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी है।


एन0सी0आर0बी0 द्वारा प्रकाशित क्राइम इन इण्डिया 2019 के आकड़ों के अनुसार देश के न्यायालयों में महिला सम्बन्धी वादों के निस्तारण की दृष्टि से तुलनात्मक अध्ययन करने पर उत्तर प्रदेश में कुल 15116 मामलें निस्तारित हुये, जबकि कई अन्य राज्यों यथा मध्यप्रदेश में 18265, महाराष्ट्र में 13215, राजस्थान में 13840, आन्ध्रप्रदेश में 11557 मामले निस्तारित हुये हैं।


एन0सी0आर0बी0 के आकड़ों के अनुसार बाल अपराधों में वर्ष-2019 में पूरे देश में सर्वाधिक 4120 अपराधियों को प्रभावी अभियोजन के फलस्वरूप न्यायालय द्वारा सजा दी गयी, जबकि यह संख्या मध्यप्रदेश में 3077, छत्तीसगढ़ में 1295, राजस्थान में 1270 थी। बाल अपराध के मामलों में मिजोरम, मणिपुर, उत्तराखण्ड राज्यों के बाद देश में सर्वाधिक दोषसिद्धि का दर उत्तर प्रदेश का है जो 61.2 है। देश के सभी बड़े राज्यो की तुलना में उत्तर प्रदेश में बाल अपराध में दोषसिद्धि का दर सर्वाधिक है। बाल अपराध में पूरे देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 22219 अभियुक्त गिरफ्तार हुये, जबकि मध्यप्रदेश में 14317 महाराष्ट्र में 13606 और बिहार में 9113 अभियुक्त गिरफ्तार हुये।


यह भी उल्लेखनीय है कि आंकड़ों के अनुसार बाल अपराधों में उत्तर प्रदेश में 2531 मामलों में अभियुक्त पीड़ित से परिचित था, 247 मामलों में अभियुक्त घर के सदस्य से, 1716 मामलों में अभियुक्त पारिवारिक दोस्त व पड़ोसी, 566 मामलों में दोस्त व ऑनलाइन फ्रेण्ड्स थे, 813 मामलों में अभियुक्त अज्ञात या पीड़ित से परिचित नहीं थे। इसी प्रकार 75.7 प्रतिशत मामलों में अभियुक्त किसी न किसी तरह से परिचित थे, जबकि परिचित अभियुक्तों का राष्ट्रीय औसत 94.1 है।  


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