बिजलीकर्मियों का 05 अक्टूबर से प्रदेश भर में पूरे दिन का अनिश्चितकालीन बहिष्कार

लखनऊ। उप्र पावर कारपोरेशन प्रबन्धन एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के मध्य आज शक्ति भवन में हुई लम्बी वार्ता के दौरान संघर्ष समिति ने बिजली व्यवस्था में सुधार और राजस्व वसूली में वृद्धि किये जाने हेतु कई रचनात्मक सुझाव दिये, किन्तु प्रबन्धन निजीकरण की जिद पर अड़ा रहा जिससे वार्ता विफल हो गयी।


विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली व्यवस्था में सकारात्मक सुधार के अपने संकल्प को दोहराते हुये प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुनः अपील की है कि ऊर्जा क्षेत्र में प्रबन्धन द्वारा तैयार किये जा रहे टकराव के वातावरण को समाप्त करने हेतु प्रदेश के व्यापक हित में तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप करने की कृपा करें।


संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि कल दिनांक 05 अक्टूबर से प्रारम्भ हो रहे कार्य बहिष्कार के दौरान बिजली उत्पादन गृहों, 765/400 केवी के विद्युत उपकेन्द्रो एवं प्रणाली नियंत्रण में शिफ्ट में कार्य करने वाले कार्य बहिष्कार में सम्मिलित नही होगें, जिससे कि जनता को अनावश्यक तकलीफ न हो। संघर्ष समिति ने यह भी बताया कि कार्य बहिष्कार के दौरान अस्पतालों एवं पेयजल व अन्य आवश्यक सेवाओं की विद्युत आपूर्ति बनाये रखा जायेगा जिससे कि आम जनता को असुविधा का सामना न करना पड़े।


आज हुई वार्ता के दौरान विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने दिनांक 05 अप्रैल, 2018 को ऊर्जा मंत्री पं0 श्रीकान्त शर्मा के साथ हुए लिखित समझौते ‘‘उप्र में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार हेतु कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जायेगी। कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लिये बिना उप्र में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नही किया जायेगा’’ का आदर/पालन करते हुये पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि0 के निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने की पुनः मांग की। संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि समझौते के अनुसार प्रबन्धन बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही करे, जिस पर प्रबन्धन द्वारा कुछ भी पहल नही की गयी। संघर्ष समिति ने पुनः प्रस्ताव दिया कि समझौते के अनुसार निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त कर सुधार की कार्य योजना बनाई जाय जिसके लिये बिजलीकर्मी संकल्पबद्ध है। संघर्ष समिति के सुधार के संकल्प के बावजूद ऊर्जा निगम प्रबन्धन निजीकरण पर अड़ा रहा।


संघर्ष समिति ने बताया कि उप्र ऊर्जा प्रबन्धन की हठधर्मिता के कारण उप्र के बिजली कामगारों के कार्य बहिष्कार के समर्थन में राष्ट्रीय स्तर पर एनसीसीओईईई ने यह घोषणा की है कि 05 अक्टूबर 2020 को उप्र के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं के आंदोलन को बल प्रदान करने के लिये एकता दिवस के रुप में देश भर के 15 लाख कर्मचारी भी कार्य बहिष्कार पर उतरेगें।  


Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

जेवर एयरपोर्ट बदल देगा यूपी का परिदृश्य

भाजपा का आचरण और प्रकृति दंगाई किस्म की है- अखिलेश यादव