हिंदुत्व विचारधारा की ऐतिहासिक विजय
अयोध्या विवाद का न्यायपालिका के ऐतिहासिक निर्णयों के बाद समापन हो चुका है। अयोध्या पर नौ नवंबर 2020 और अब 30 सितंबर 2020 को आया फैसला हिंदुत्व विचारधारा की ऐतिहासिक विजय है। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस घटना के बाद से ही सेकुलर ताकतों व वामपंथी विचाररधारा के इतिहसकार ,बुद्धिजीवियों ने हिंदू जनमानस व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ , भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने का एक अभियान छेड रखा था।
बाबरी विध्वंस के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारतीय जनता पार्टी व संघ के नेताओं सहित साधु संतों को बाबरी ढांचा ढहाने के मामले में मुख्य आरोपी बनाकर मुस्लिम तष्टिकरण की एक घिनौनी व विकृत राजनीति की जो शुरूआत की थी अब 28 वर्षाे के बाद उस विकृत व घिनौनी मानसिकता की राजनीति का अंत हो चुका है। बाबरी विध्वंस मामले में फैसला आने के बाद अब राजनीति का परिदृश्य व मुददों का बदलना भी तय हो गया है। आज बबारी विध्वंस प्रकरण में सभी नेता बरी हो गये इस मामले में न सिर्फ सभी नेता बरी हो गये अपिुत देश व विदेशों में फैला वह हिंदू जनमानस भी बरी हो गया जो अभी तक अपने आप को बंधा हुआ व अपमानित महसूस कर रहा था। अब निश्चय ही सत्य की विजय हुई है। आज पूरा हिंदुू समाज आनंद से भाव विभोर हो रहा है। सेकुलर ताकतों की साजिशें बेनकाब हो चुकी हैं। हिंदू चेतना का संघर्ष कामयाब हो चुका है। अब अयोध्या आंदोलन से जुड़े सभी नेता काफी राहत व आनंद का अनुभव कर रहे हैं , अभी तक सभी टीवी चैनलोें पर भाजपा व संघ के प्रवक्ता बहसों के दौरान दबाब का अनुभव करते थे लेकिन अब कांग्रेस व विरोधी दलों को बेनकानब करने का उन्हें खुला अवसर मिल चुका है। अब भाजपा व संघ के प्रवक्ता टीवी चैनलोें व मीडिया फोरम पर पूरी ताकत के साथ अपनी विजय का जश्न मनाते हुए कांग्रेस व वामपंथी दलों की सेकुलर विचारधारा पर करारा हमला बोल सकेंगे।
बाबरी विध्वंस पर फैसला आने के बाद जहां हिंदू जनमानस आनंद के आगोश में डूबा है वहीं मुस्लिम तुष्टिकरण के पैरोकारों को यह फैसला गलत नजर आ रहा है। केरल के सांसद ने एक टिप्पणी करी है कि सीबीआई के विशेष जज ने अपने प्रमोशन के लिए यह फैसला सुनाया है। कांग्रेस ने भी विरोध दर्ज किया है वह तो अपना विरोध दर्ज करायेगी ही क्योंकि उसकी हिंदू विरोध की राजनीति का सूर्य ही अस्त हो चुका है।
सीबीआई्र कोर्ट की यह टिप्पणी बेहद उल्ले खनीय व ऐतिहासिक है कि ढांचा ध्वंस की घटना साजिश के तहत नही हुई थी। यह घटना बहुत ही अचाानक घटित हुई थी तथा वहां पर विराजमान सभी नेता मंच से भीड़ को रोकने का प्रयास कर रहे थे। अदालत की टिप्प्णियां कांग्रेस व सेकुुलर दलों की साजिशोँ को एक- एक कर बेनकाब करती चली जा रही थीं । अब समय आ गया है कि कांग्रेस सहित देश के सभी वामपंथी, समाजवादी, बहुजन समाजवादी नेता हिंदू जनमानस व संघ परिवार से माफी मांगें। अगर यह दल अभी भी नहीं सुधरे तो इनका पूरी तररह से राजनैतिक अवसान हो जायेगा।
अयोध्या विवाद की आढ़ में हिंदू समाज संघ व भाजपा को बहुत अपमान सहना पड़ रहा था अब वह कलंक मिट चुका है। अब हिंदू विरोधी ताकतों को भगवान श्रीराम के प्रति कहे गये अपमान जनक शब्दों , रामसेतु व रामकथा को काल्पनिक बताने वाले मुस्लिम तुष्टिकरण समर्थक वामपंथी इतिहासकारों को टी वी चैनलों पर आकर सार्वजनिक माफ मांगनी चाहिए । लेकिन यह लोग ऐसा करने का साहस नहीं कर सकतेे आज इन लोगों की विचाराधारा न्यायपालिका के आंगन में ध्वस्त हो चुकी है। आज हिंदू जनमानस अपनी विजय का आनंदोत्सव मना रहा है।
अदालत के फैसले से सत्य की विजय हुई है। यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस सरकार ने राजनैतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर वोटबैंक की राजनीति के लिए देश के संतो, भाजपा के नेताओं, विहिप और कई कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमे में फंसाया। बाबरी विध्वंस की आढ़ में भगवा आंतकवाद का नया नारा ही गढ़ दिया गया था। बाबरी विध्संस के कारण समस्त हिंदू समाज को ही भगवा आतंकवादी कहकर अपमानित किया जाने लगा था।
आज समस्त हिंदू नेता बहुत खुश हैं। सभी नेताओं पर से बाबरी विध्वंस का कलंक भी समाप्त हो गया है। अब यह सभी लोग अपना आगे का सफर चिंता मुक्त होकर तय कर सकेेंगे। कोर्ट के फैसले से यह भी साबित हो गया कि अयोध्या आदोलन के पीछे कोई राजनैतिक साजिश नहीं थी। उस समय आयोजित होने वाली रैलियां व कार्यक्रम किसी साजिश का अभिन्न अंग नहीं थे। यह फैसला आने के बाद सत्य और मर्यादा की विजय हुई है। साथ ही यह भी तय हो गया कि जिन- जिन लोगों ने भगवान श्रीराम के कार्यों में बाधा डाली व उनको काल्पनिक बताया उन लोगों ने केवल और केवल हिंदू समाज व आस्था के केंद्रबिदुओं के खिलाफ साजिश ही रचते रह गये लेकिन आस्था की शक्ति व भक्ति के आगे आज सभी साजिशें बेनकाब हो चुकी हैं।
अयोध्या पर फैसले के बाद मथुरा व काशी विश्वनाथ पर भी हिंदुू विजय का समय नजदीक आ रहा है आज नहीं तो कल हिंदू संस्कृति के वे सभी केंद्र मुस्लिम गुलामी की मानसिकता वाले चिन्हों से आजाद होंगे तथा संपूर्ण आजादी के लिए हिंदू चेतना को लगातार जागृत रहना होगा। संघर्ष कभी समाप्त नहीं होना चाहिए आने वाले समय में संपूर्ण विजय सुनिश्चित है। इस फैसले का दूरगामी राजनैतिक असर भी पडेगा। मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करन वाले दल अब अपनी रणनीति को बदलने के लिए विवश हो सकते हैं। अब समाजवादी पार्टी जैसे दलोें की राजनीति पर भी गंभीर असर पड़ सकता हेै । वहीं कांग्रेस को मुस्लिम समाज की नाराजगी एक बार फिर भारी पड़ सकती है क्योंकि मुस्लिम समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग अभी भी बाबरी विध्वंस के लिए कांग्रेस को ही सर्वाधिक जिम्मेदार मानता है । चाहे जो हो लेकिन प्रभु श्रीराम की कृपा से यह विवाद अब समाप्त हो गया है तथा अब अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण भी शुरू हो गया है। देश में एक नये सूर्य का उदय हो रहा है।
(मृत्युंजय दीक्षित)