मिशन शक्ति के तहत मुख्यमंत्री ने किया प्रदेश के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क का शुभारंभ


लखनऊ। मिशन शक्ति अभियान काे एक कदम और आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री योगी ने हर थाने में एक सीक्रेट रूम बनवाने के निर्देश दिए। पूरी तरह पारदर्शी ये रूम सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस होंगे। इसमें पीड़ित महिला, महिला पुलिस कर्मी से बिना संकोच अपनी बात कह सकेंगी। यही नहीं महिला हेल्प डेस्क या सीक्रेट रूम में दिखने वाली किसी जगह पर वह सारे नंबर (1090, 181, 112,1076,1098 और 102) लिखें रहेंगे जिन पर कोई महिला जरूरत पर मदद के लिए कॉल कर सके। नंबरों के साथ इनका दुरुपयोग करने वालों के लिए चेतावनी भी अनिवार्य रूप से अंकित की जाएगी।


मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां अपने सरकारी आवास पर 'मिशन शक्ति' अभियान के तहत प्रदेश के सभी 1535 थानों पर स्थापित होने वाले महिला हेल्प डेस्क का वर्चुअल शुभारंभ कर रहे थे। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाअों के सम्मान को संस्कार बनाना होगा। इसके लिए मिशन शक्ति के इस कार्यक्रम को स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थाओं तक भी ले जाएं। सुबह की प्रार्थना और किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान भी लोगों को इस बाबत जागरूक करें। इसके लिए प्रबुद्ध वर्ग खासकर जागरूक महिलाएं आगे आएं तो नतीजे और बेहतर निकलेंगे।


योगी ने कहा कि हफ्ते भर के मिशन शक्ति कार्यक्रम के दौरान बहुत कुछ बदला है। पिछले दिनों कुछ घटनाओं को तिल का ताड़ बनाने वाले आज खुद कटघरे में हैं। पुलिस विभाग ने इस दौरान बेहतर काम किया है। अभियान से जुड़े अन्य विभागों की गतिविधियों, भावी कार्ययोजना की समीक्षा मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय करे। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के इस कार्यक्रम को व्यापक संदर्भों में लें। यह महिलाओं के प्रति लोगों की सोच और संस्कार बदलने वाला अभियान है। ऐसा तभी होगा जब अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ेंगे। किसी भी अभियान से जब शासन एवं प्रशासन के साथ समाज भी जुड़ता है तो नतीजे बेहतर होते हैं।


इस दौरान मुख्यमंत्री ने गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ और अागरा में बने महिला हेल्प डेस्क में मौजूद कुछ जागरूक महिलाओं और जनप्रतिनिधियों से बात भी की। महिला प्रतिनिधियों ने कहा कि बहू बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए सरकार शुरू से ही प्रतिबद्ध रही है। सरकार के इन कदमों में महिलाआें में सुरक्षा और आत्मविश्वास का भाव आया है। मिशन शक्ति से यह प्रक्रिया और आगे बढ़ेगी। कार्यक्रम के शुरुआत में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास 'मित्र पुलिस' की अवधारणा को साकार करना है। उत्तर प्रदेश को सुरक्षित प्रदेश बनाने में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।


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