प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से स्वामित्व योजना का किया शुभारम्भ


लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वर्चुअल माध्यम से स्वामित्व योजना का शुभारम्भ किया। इस योजना के अन्तर्गत 06 राज्यों के 763 गांवों में प्राॅपर्टी कार्ड का वितरण किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए। इनके अलावा, केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत तथा अन्य राज्यों के मंत्रिगण वर्चुअल माध्यम से जुडे़।


इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का डिजिटल वितरण किया। प्राॅपर्टी कार्ड के वितरण कार्य का शुभारम्भ किए जाने के साथ ही, उत्तर प्रदेश के 37 जनपदों के 346 ग्रामों के 41,431 ग्रामीण आवासीय अभिलेखों की हार्ड काॅपी का ग्रामों में वितरण जनप्रतिनिधियों एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।


प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के जनपद बाराबंकी के 02 लाभार्थियों- रामरती तथा राममिलन से संवाद किया। उन्होंने लाभार्थियों से स्वामित्व योजना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। लाभार्थियों ने बताया कि स्वामित्व का अधिकार मिलने से उन्हें अपनी प्राॅपर्टी पर सुरक्षा की गारण्टी मिलेगी तथा लोन प्राप्त हो सकेगा।


प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना ने गरीबों के हाथ में ताकत सौंपी है। यह योजना हमारे गांवों में ऐतिहासिक परिवर्तन लाएगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति सम्बन्धी विवादों में काफी कमी आएगी। ग्रामवासियों को आबादी क्षेत्र में स्थित सम्पत्तियों (भवन, प्लाॅट आदि) के प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त होंगे, जिनका उपयोग बैंकों से लोन आदि प्राप्त किए जाने में किया जा सकेगा। आबादी क्षेत्र का प्रारम्भिक डाटा तैयार होने से विकास हेतु सरकारी योजनाएं संचालित किए जाने में सुगमता होगी।


आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है। आज ही के दिन भारत रत्न लोक नायक जय प्रकाश नारायण और भारत रत्न नाना जी देशमुख की जयन्ती भी है। इन महापुरुषों ने आजीवन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। इनके संघर्ष और आदर्श भी एक समान रहे हैं। गांव और गरीब की आवाज को बुलन्द करना जय प्रकाश नारायण और नाना जी देशमुख के जीवन का साझा संकल्प रहा है। उन्होंने कहा कि नाना जी कहा करते थे कि यदि गांवों में लोग विवाद में फंसे रहेंगे तो न तो अपना विकास कर पाएंगे और न ही समाज का। स्वामित्व योजना गांवों में विवादों को समाप्त करने का बहुत बड़ा माध्यम भी है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। पिछले 06 वर्षों में गांवों के लिए जितना काम किया गया है, उतना 06 दशक में नहीं हुआ। वर्तमान सरकार गांव, गरीब और किसान के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से व्यापक परिवर्तन लाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने रिकाॅर्ड संख्या में बैंक खाते खोलने का काम किया। गांवों में सड़क, शौचालय, बिजली की व्यवस्था के साथ ही, उज्ज्वला गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया है। सभी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पाइप पेयजल योजना संचालित की गई है। ऑप्टिकल फाइबर का एक वृहद जाल फैलाया गया है, जिससे लोगों को मोबाइल में बेहतर नेटवर्क की प्राप्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि खेती में ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं। कृषि क्षेत्र में हुए इस बदलाव से किसानों को असीम सम्भावनाएं प्राप्त होंगी। 


ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री द्वारा दिनांक 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस के अवसर पर ‘स्वामित्व योजना’ का शुभारम्भ किया गया। योजना के पायलेट फेज (2020-21) में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तराखण्ड तथा मध्य प्रदेश के लगभग 01 लाख गांव सहित पंजाब और राजस्थान के कुछ सीमावर्ती गांवों को सम्मिलित किया गया है। भारत सरकार की ‘स्वामित्व योजना’ के अन्तर्गत आधुनिक तकनीक से आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया का कार्य उत्तर प्रदेश में सभी जनपदों में गतिमान है।


प्रारम्भिक चरण में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 37 जनपदों के 346 ग्रामों में 41,431 ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) तैयार किए जाने का कार्य पूर्ण किया गया। सर्वेक्षण कार्य से पूर्व सम्बन्धित ग्राम/तहसील/क्षेत्र में ग्राम सभा में बैठकें आयोजित कर ग्रामवासियों को आबादी सर्वेक्षण प्रक्रिया व इसमें होने वाले लाभों की जानकारी दी गयी। ड्रोन की सहायता से बने प्रारम्भिक मानचित्र व गांव की सभी व्यक्तिगत, संस्थागत, अर्द्धसरकारी व सरकारी सम्पत्तियों का भौतिक सत्यापन सर्वेक्षण टीम द्वारा किया गया। प्रारम्भिक ग्रामीण आवासीय अभिलेख पर सभी ग्रामीणों से 15 दिन का समय देते हुए आपत्तियां आमंत्रित की गयीं। जिन आबादी भूखण्डों/भवनों के सम्बन्ध में कोई विवाद नहीं था, उन आबादी भूखण्डों/भवनों के ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) को अन्तिम किया गया।


इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, राजस्व परिषद के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, राहत आयुक्त संजय गोयल, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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