सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं डाक टिकट - पोस्टमास्टर जनरल केके यादव


वाराणसी। डाक टिकट किसी भी राष्ट्र की सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं। तभी तो डाक टिकट को नन्हा राजदूत कहा जाता है। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने राष्ट्रीय डाक दिवस के क्रम में वाराणसी प्रधान डाकघर में आयोजित फिलेटली दिवस का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर लोगों ने विशेषकर बच्चों ने फिलेटली ब्यूरो का भ्रमण करके डाक टिकटों के बारे में जानकारी ली। माई स्टैम्प के तहत डाक टिकटों पर अपनी फोटो देखकर बच्चे खूब प्रफुल्लित हुए। इस अवसर पर 75 लोगों ने फिलेटली डिपॉजिट अकाउंट और 80 लोगों ने अपनी माई स्टैम्प बनवाई।


पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने अपने संबोधन में कहा कि फिलेटली सिर्फ डाक टिकटों का संग्रह ही नहीं, बल्कि इसका अध्ययन भी है। फिलेटली का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान है। हर डाक टिकट के पीछे एक कहानी छुपी हुई है और इस कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है। श्री यादव ने कहा कि, डाक टिकट वास्तव में एक नन्हा राजदूत है, जो विभिन्न देशों का भ्रमण करता है एवम् उन्हें अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है। फिलेटली के क्षेत्र में डाक विभाग द्वारा तमाम नए कदम उठाये जा रहे हैं। इससे युवाओं और बच्चों को ज्ञान के साथ-साथ एक अच्छी हॉबी अपनाने की प्रेरणा भी मिलेगी।



वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक सुमीत कुमार गाट ने बताया कि मात्र 200 में फिलेटली डिपाजिट एकाउंट खोलकर घर बैठे डाक टिकटें प्राप्त की जा सकती हैं।


सहायक निदेशक शम्भु राय ने बच्चों को डाक टिकट संग्रह और उनके फायदों के बारे में बताया।


इस अवसर पर सीनियर पोस्टमास्टर  आर के चौहान, सहायक डाक अधीक्षक सुरेश चंद्र, डाक निरीक्षक ब्रजेश शर्मा, बलबीर सिंह, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक मैनेजर सुबलेश सिंह, जनसंपर्क निरीक्षक अनिल शर्मा, श्रीप्रकाश गुप्ता, राहुल वर्मा, रोशनी इत्यादि उपस्थित रहे।


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