समस्त कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु अन्तर्विभागीय समिति का किया जायेगा गठन - एस. राधा चौहान

लखनऊ। प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं में संचालित आंगनबाड़ी/मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार की आपूर्ति हेतु ई-निविदा समिति की संस्तुतियों पर कार्यवाही के सम्बन्ध में बाल विकास एवं पुष्टाहार अपर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन एस. राधा चौहान ने शासनादेश जारी किया है। 


जारी शासनादेश में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के  निर्देशों के क्रम में 18 जनपदों में राज्य आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों से पुष्टाहार उत्पादन व वितरण का पूर्व में ही निर्णय लिया जा चुका है जिसके क्रम में मिशन निदेशक, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के  द्वारा अवगत कराया गया है कि 18 जनपदों में महिला समूहों के माध्यम से पुष्टाहार उत्पादन इकाई स्थापित किये जाने के क्रम में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम से तकनीकी सहयोग प्राप्त करते हुए कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इस प्रकार पूरे प्रदेश में उत्पादन हेतु बांछित अबस्थापना को विकसित करने में लगभग 02 वर्ष का समय लग सकता है। इस अंतराल में पुष्टाहार की सेवाओं को निर्विध्न बनाये रखना आवश्यक है। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के क्रम में तथा वर्तमान में उत्पन्न परिस्थितियों में कुछ अन्य प्रदेशों की भांति टेक होम राशन को Dry Ration के रूप में पुष्टाहार हेतु निर्धारित मानकों के अनुरूप आंगनवाड़ी केन्द्रों में समस्त श्रेणी के लाभार्थियों को वितरित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसलिए  18 जनपदों की भांति ही शेष 57 जनपदों में भी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित स्वयं सहायता समूह (SHG) से अनुपूरक पोषाहार की आपूर्ति कराया जाना उपयुक्त पाया गया।


जारी शासनादेश में कहा गया है कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विकास खण्ड स्तर पर पुष्टाहार उत्पादन की अवस्थापना विकास होने तक मुख्य सामग्री यथा-गेहूं, चावल आदि भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से तथा देशी घी व स्किम्ड मिल्क पाउडर (वसा रहित दुग्ध चूर्ण)'प्रादेशिक कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि0' (PCDF) से निर्धारित मानकों के अनुसार महिला सहायता समूहों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराया जायेगा । समूहों द्वारा दालों का यथावश्यक स्थानीय क्रय कर निर्धारित मात्रा में वजन व पैकेजिंग उपयुक्त रूप से सुनिश्चित करते हुये आंगनबाडियों में विभिन्न श्रेणी के लाभार्थियों को निर्धारित मात्रा में प्रत्येक माह में उपलब्ध कराया जायेगा।


जारी शासनादेश में कहा गया है कि भारत सरकार से अपनी योजनाओं हेतु वांछित गेहूं एवं चावल की मात्रा का मासिक आवंटन जारी कराया जायेगा, जिसका उठान भारतीय खाद्य निगम के निर्धारित डिपो से ही किया जा सकेगा। भारतीय खाद्य निगम से उठान कर उचित दर पर दुकान तक गेंहू/चावल उपलब्ध कराने के कार्य में नियुक्त ठेकेदारों को, हैण्डलिंग एवं परिवहन कार्य में उनकी स्वीकृत दरों पर आने वाले वास्तविक व्यय का भुगतान किया जाएग।  उचित दर विक्रेताओं को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत अनुमन्य रू0 70/- प्रति कुं0 के लाभांश का भुगतान किया जाएग। 


जारी शासनादेश में कहा गया है कि समस्त कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु अन्तर्विभागीय समिति का गठन किया जायेगा, जिसमें ग्राम्य विकास, खाद्य एवं रसद विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग तथा दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव व विभाग से संबंधित निदेशक/प्रबन्ध निदेशक नामित रहेंगे एवं निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार उक्त समिति के संयोजक रहेंगे । उक्त समिति द्वारा दायित्व का निर्धारण, पोषाहार की गुणवत्ता, पोषाहार आपूर्ति की समय-सीमा तथा पोषाहार वितरण का कैलेण्डर निर्धारित किया जायेगा। समिति द्वारा योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रक्रिया (SOP) का निर्धारण भी किया जायेगा । पोषाहार की उपर्युक्तानुसार आपूर्ति भारत सरकार द्वारा निर्धारित दरों के अन्तर्गत की जायेगी। इसके अतिरिक्त भारत सरकार से गेहूं एवं चावल का आवंटन, भारतीय खाद्य निगम से उठान, हैण्डलिंग एवं परिवहन तथा उचित दर विजेताओं को अनुमन्य लाभांश की कार्यवाही तथा अन्य प्रक्रिया के सम्बन्ध में भी SOP निर्धारित करने की कार्यवाही भी उपर्युक्त समिति द्वारा की जायेगी । खाद्यान्न आपूर्ति के उपरान्त स्वयं सहायता समूहों को नियमानुसार भुगतान एवं समय प्रदान करने आदि के सम्बंध में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार तथा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मध्य एम0ओ0यू0 का निष्पादन कर प्रक्रिया निर्धारित की जायेगी।


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