वरासत के लंबित प्रकरणों के लिए जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारी को दिए निर्देश
लखनऊ। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि खतौनी में दर्ज खातेदारों की मृत्यु/ऐसी स्त्री जिसने उत्तराधिकार में भूमि प्राप्त की है, के विवाहित/ पुनर्विवाह होने की दशा में उनके निर्विवादित उत्तराधिकारियों के नाम समय से खतौनी में अंकित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। वरासत के प्रकरणों में समय से कार्यवाही न होने से न केवल विधिक उत्तराधिकारी अपने अधिकार से वंचित रह जाते हैं वहीं दूसरी ओर अनावश्यक वाद भी उत्पन्न होते हैं तथा असामाजिक तत्वों/भू-माफियाओं द्वारा भूमि पर अवैध कब्जे का प्रयास किया जाता है जिससे कभी-कभी कानून व्यवस्था बनाए रखने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।
उन्होंने बताया कि उत्तराधिकार/वरासत संबंधी सभी प्रकरण ऑनलाइन प्रक्रिया के अंतर्गत निस्तारित किए जाने हेतु परिषदादेश संख्या- आर-2116/4-1ए/2017 (टी0सी0) दिनांक 15 जुलाई 2020 तथा तत्क्रम में इस कार्यालय के पत्र संख्या-441/सात-भूलेख/वरासत/2020 दिनांक 02.07.2020 द्वारा विस्तृत निर्देश निर्गत किए जा चुके हैं।
अतएव तहसील स्तर पर राज्य अभिलेखों को अद्यतन रखने के दृष्टिकोण से राजस्व प्रशासन के स्तर से निर्विवाद उत्तराधिकारीयों के नाम खतौनी में दर्ज करने हेतु दिनांक 5 अक्टूबर 2020 से 12 अक्टूबर 2020 तक उपजिलाअधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष अभियान चलाया जाए। इस अभियान के दौरान प्रत्येक राजस्व ग्रामवार निर्विवाद उत्तराधिकार/वरासत के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए लंबित प्रकरणों का शत-प्रतिशत निस्तारण सभी उपजिलाधिकारी सुनिश्चित करेंगे।