ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिण्डोला में नामदेव जी के 750वें जन्मोत्सव पर सजा दीवान


 

लखनऊ। भक्त नामदेव जी के 750वें जन्मोत्सव पर गुरू सिंह सभा ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिण्डोला, लखनऊ में आज दीवान सजाया गया। इस अवसर पर प्रातः के दीवान में सुखमनी साहिब के पाठ के उपरान्त रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने गुरु ग्रन्थ साहिब में दर्ज भक्त नामदेव जी के शबदः-

 

1- घट घट अंतरि सरब निरंतरि केवल एक मुरारी।।

2- नामे का चितु हरि सउ लागा।।

 

गायन कीर्तन कर संगत को निहाल किया। हेड ग्रन्थी ज्ञानी सुखदेव सिंह ने भक्त नामदेव जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आप का जन्म आज ही के दिन 1270 में महाराष्ट्रा के नरसी वामनी गाँव में हुआ था। यह गाँव जिला सितारा में है अब इसका नाम नरसी नामदेव है। आप के पिता का नाम दमाशेटी और माता का नाम गोनाबाई था। आपके पिता दर्जी का काम करते थे, उन्होने ईश्वर की भक्ति एवं ग्रहस्थ जीवन की उच्चता पर जोर दिया।

 


 

संत ज्ञानदेव एवं कई संतों के संग आपने सारे देश का भ्रमण किया। पंजाब के गुरदासपुर जिले के गाँव घुमाण में 20 साल रहे। उनकी बाणी के 61 शबद गुरु ग्रन्थ साहिब में दर्ज हैं। उन्हों ने पंजाबी, हिन्दी एवं मराठी भाषाओं में काव्य रचना की। जब समूह जगत श्री गुरु ग्रन्थ साहिब को माथा टेकता है तो वह भक्त नामदेव जी के समक्ष भी नतमस्तक होता है।

 

दीवान की समाप्ति के उपरान्त गुरू सिंह सभा के अध्यक्ष स0 राजेन्द्र सिंह बग्गा ने संगतों को भक्त नामदेव जी के 750वां जन्मोत्सव पर बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया। साहिब गुरू नानक देव महाराज का 551वां प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) के उपलक्ष में प्रातः 5.00 बजे गुरुद्वारा लालकुआँ एवं गुरुद्वारा पानदरीबा से प्रभातफेरी संगतों द्वारा गुरबाणी कीर्तन गायन करते हुए गुरुद्वारा नाका हिण्डोला में सम्पन्न होता है जिसका समापन 30 नवम्बर प्रकाश पर्व के दिन होगा।  

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