नौटंकी तो केवल राजनेता करते हैं


अमन भाईचारा और सौहार्द बढ़ाने के लिए हिंदू को गोल टोपी पहन कर मस्जिद में जाने की और मुस्लिम को लाल टीका लगाकर मन्दिर में जाने की कोई आवश्यकता नही है। इससे साम्प्रदायिक सौहार्द नही बढ़ेगा बल्कि जवाबी कार्यवाही होने से साम्प्रदायिकता फैलेगी। परिणामतः उग्रता और दंगा भड़केगा। 


उदाहरण के तौर पर चार दिन पहले मथुरा के नन्दबाबा थाना क्षेत्र के मंदिर प्रांगण में दो युवकों ने नमाज पढ़ी और कल मथुरा के ही गोवर्द्धन थाना क्षेत्र की मस्जिद में चार युवकों ने हनुमान चालीसा का पाठ कर दिया।


इनसे जब पूछा गया तो इनका वही उत्तर था जो मन्दिर में नमाज पढ़ रहे लोगो का था। उत्तर मिला कि भाईचारा बढ़ाने के लिए अगर मन्दिर में नमाज पढ़ी जा सकती है तो मस्जिद में हनुमान चालीसा भी पढ़ी जायेगी।


स्पष्ट है कि सूचना मिलते ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पोलिस की सूझ बूझ से मथुरा में बड़ा बवाल यानी साम्प्रदायिक दंगा होते बच गया। 


ऐसी नौटंकी तो केवल राजनेता करते हैं, जनसामान्य से ऐसा व्यवहार अपेक्षित नही है। मंदिर बना है पूजा अर्चना के लिए और मस्जिद बनी है इबादत करने के लिए।


भारत में सौहार्द केवल तब आएगा जब बिना जाति, धर्म, नस्ल, वंश देखे हर पीड़ित, जरूरतमंद, गरीब, असहाय लाचार लोगो की मदद की जाएगी और एक दूसरे के धर्मो का सम्मान किया जाएगा।


-निखिलेश मिश्रा


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