पुराने लम्बित प्रकरणों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर अभियान चलाकर शीघ्रता से किया जाय - अपर मुख्य सचिव, गृह


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टाॅलरेंस तथा प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं अपराध स्थिति में और अधिक सुधार लाने के प्रयासों में और तेजी लाने के निर्देश दिये है।


मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में आज अपर मुख्य सचिव, गृह की अध्यक्षता में लोक भवन स्थित कमाण्ड सेण्टर में उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया जिसमें सर्तकता विभाग, सी0बी0सी0आई0डी0, जनसुनवाई प्रणाली एवं गृह विभाग में विभिन्न अनुभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही की गहन समीक्षा की गयी।


अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में सतर्कता विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही की समीक्षा करते हुये कहा कि पुराने लम्बित प्रकरणों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर अभियान चलाकर शीघ्रता से किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि सतर्कता जाॅच सम्बन्धी लम्बित मामलों की अनुभागवार सूची तैयार कर सतर्कता अधिष्ठान से समन्वय बनाते हुये चल रही कार्यवाही में तेजी लाई जाये तथा आगामी बैठक में अद्यतन प्रगति से अवगत कराया जाय। जिन मामलों में सम्बन्धित प्रशासकीय विभागों से शीघ्र कार्यवाही की अपेक्षा हो उसके लिए शासन स्तर से भी विशेष प्रयास किये जाये।


सी0बी0सी0आई0डी0 द्वारा की गयी कार्यवाही की समीक्षा में पुरानी लम्बित जाॅचों को शीघ्र निस्तारित किये जाने के निर्देश दिये गयें। बैठक में यह भी निर्देश दिये गये कि यदि किसी मामलें में विवेचक द्वारा लापरवाही या अनियमितता की जा रही हो, तो उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाय। सी0बी0सी0आई0डी0 में महिला कर्मियों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये भी यथोचित् कार्यवाही शीघ्र किये जाने के लिए कहा गया है।

जनसुनवाई प्रणाली (आई0जी0आर0एस0) पर गृह एवं गोपन विभाग में लम्बित/डिफाल्टर संदर्भों के निस्तारण में हुई प्रगति के मामलों में विस्तार से समीक्षा की गयी। बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री संदर्भ, पी0जी0 पोर्टल, ऑनलाइन उप मुख्यमंत्री/मंत्री संदर्भ आदि से सम्बन्धित कुल 16445 संदर्भ अब तक विभाग को प्राप्त हुऐं हैं, जिनमें से 15160 मामलों का निस्तारण भी किया जा चुका है। श्री अवस्थी ने लम्बित/डिफाल्टर संदर्भों के अवशेष प्रकरणों को भी अभियान चलाकर यथाशीघ्र समयबद्ध रूप से निस्तारित किये जाने के निर्देश दिये हैं।

विधान सभा व विधान परिषद में गृह विभाग के लम्बित आश्वासनों के प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित किये जाने के लिए वीडियों काॅन्फ्रेंसिग के माध्यम से कार्यवाही किये जाने हेतु प्रमुख सचिव, विधान सभा एवं विधान परिषद को आवश्यक पत्र भेजने के निर्देश दिये गये, ताकि इस संबंध में भी अपेक्षित कार्यवाही शीघ्र सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री द्वारा गृह विभाग से जुड़ी अब तक की गयी घोषणओं में हुई प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की गयी तथा इस सम्बन्ध में कार्यवाही में और तेजी लाने के आवश्यक निर्देश दिये गये।

स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स हेतु 112 पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाने के सम्बन्ध में बताया गया कि उक्त पद वन एवं वन्य जीव विभाग में सृजित हैं, जिसके लिए गृह/पुलिस के कर्मियों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर तैनात किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में भी यथोचित् कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

प्रदेश की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरूस्त किये जाने हेतु इमीग्रेशन चेक पोस्ट रूपईडीहा (बहराइच) व गौरी फण्टा (खीरी) पर नवीन पदों के सृजन के सम्बन्ध में चल रही कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं। जनपद लखनऊ में यातायात पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण हेतु सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन संस्थान (इन्स्टीट्यूट ऑफ़ रोड़ सेफ्टी एण्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट) की स्थापना हेतु आवश्यक पदों के सृजन के संबंध में शासन द्वारा गम्भीरता से विचार किया जा रहा है।

अंगुलि चिन्ह ब्यूरों में विशेषज्ञ कार्मियों की कमी को शीघ्र पूरा किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश के लिए आवश्यक 30 बी0डी0डी0एस0 की जनशक्ति, उपकरणों, वाहनों तथा स्नीफर श्वान आदि हेतु टीमों के गठन की कार्यवाही में भी तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं।


बैठक में जानकारी दी गयी कि शासन द्वारा प्रदेश के सभी 75 जनपदों में एक-एक अंगुलि चिन्ह इकाई के गठन पर भी गम्भीरता से विचार किया जा रहा है। इस संबंध में आवश्यक विवरण वित्त विभाग को भेजा गया है।बैठक में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं, मिर्जापुर, बस्ती, बाॅदा, आजमगढ़ व आयोध्या के भवनों का निर्माण शीघ्र कराये जाने हेतु भी आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।


बैठक में पुलिस महानिदेशक, सतर्कता, पी0बी0 रामाशास्त्री, पुलिस महानिदेशक, सी0बी0सी0आई0डी0 विश्वजीत महापात्रा, सचिव, गृह भगवान स्वरूप एवं तरूण गाबा के अलावा गृह विभाग के समस्त विशेष सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


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