पीड़ित गोपाल के भूखण्ड पर अबैध मिर्माण जारी , गोमती नगर विस्तार थाने का हुआ आत्मसमर्पण
लखनऊ : विधि के समक्ष समता भारत के संबिधान की आत्मा है लेकिन इसे देश का शक्तिशाली वर्ग अर्थहीन करने में जुटा रहता है. जिनके ऊपर ' सिस्टम ' को संभालने की जिम्मेदारी है , वे ही इसे ध्वस्त करने में कोई कसर बाकी नहीं लगा रखे है , जिसका उदाहरण आये दिन देखने को मिलता रहता है. मामला दूरदराज का नहीं बल्कि राजधानी के बेहद ' वीवीआईपी ' समझे जाने वाले गोमती नगर विस्तार थाने का हैं. सदर तहसील के अंतर्गत हांसेमऊ गाँव में खसरा संख्या 68 का 2000 वर्ग फिट का गोपाल चन्द्र बागची ने दिनांक 09 / 01 / 2014 को पंजीकृत बैनामा लिया और तभी कब्जा भी ले लिया. इस भूखण्ड का दिनांक 14 / 02 / 2014 को राजस्व अभिलेखों में दाखिल - खारिज भी हो गया. जिन सूर्यभान मिश्रा से उक्त भूखण्ड गोपाल चन्द्र बागची ने क्रय किया , उन्हीं से इन्दिरा नगर निवासी कृष्ण कुमार सक्सेना ने भी 26 /02 / 2014 को खसरा संख्या 68 का 6000 वर्ग फिट का पंजीकृत बैनामा लिया और इसमें वह 2000 वर्ग फिट भी शामिल दिखा दिया जो गोपाल चन्द्र बागची के कब्जे में है.
अब गोपाल चन्द्र बागची का आरोप है कि उक्त भूखण्ड पर इसी फर्जी एवं कूटरचित बैनामे के आधार पर कृष्ण कुमार सक्सेना पिछले 04 महीने से कब्जा करने का प्रयास कर रहे है और अब उनके भूखण्ड पर जबरन निर्माण कार्य करवा रहे है. गोपाल चन्द्र बागची ने कृष्ण कुमार सक्सेना द्वारा जबरन कराये जा रहे अबैध निर्माण की शिकायत स्थानीय गोमती नगर विस्तार थाने पर किया लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. गोमती नगर विस्तार थाने की पुलिस ने कृष्ण कुमार सक्सेना के रसूख के सामने बेहद शर्मनाक आत्मसर्पण कर दिया है. कृष्ण कुमार सक्सेना पुलिस विभाग में बेहद उच्च पदों पर रह चुके है और लखनऊ के महानगर थाने में ' एंटी करप्पशन ब्यूरों ' ने उनके विरुद्ध पुलिस भर्ती में दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने एवं षड़यंत्र रचने के आरोप में मुकदमा पंजीकृत करा रखा है.
# प्रस्तुति : नैमिष प्रताप सिंह