गुरूद्वारा नाका हिण्डोला में होला महल्ला गुरमति समागम श्रद्धा के साथ मनाया गया

लखनऊ। 30-03-2021 दिन सोमवार को दशमेश पिता साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज द्वारा आरम्भ की गयी परम्परानुसार खालसे की चढ़दी कला एवं न्यारेपन का प्रतीक होला महल्ला गुरमति समागम के रुप में श्री गुरु सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिण्डोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
 
इस अवसर पर प्रातः 6 बजे श्री सुखमनी साहिब के पाठ से दीवान आरम्भ हुआ जो दोपहर 1.30 बजे तक चला जिसमें रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुरवाणी में-
 
     होली कीनी संत सेवा। रंग लागा अति लाल देव।।
 
शबद कीर्तन गायन कर आई साध संगत को भाव विभोर करते हुए गुरबाणी के रंगों में भिगोया तत्पश्चात ज्ञानी सुखदेव सिंह ने गुरमत विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि आज ही के दिन सरबंस दानी साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज ने आनन्दपुर साहिब में होला महल्ला मनाने की विधि सिखाई। अकाल पुरख की बन्दगी एवं रसमयी कीर्तन से इस दिन नगर कीर्तन निकालते एवं सिंहों के दो दल बनाकर मुकाबले करवाते और शेर दिलों को पुरस्कार देते और इत्र एवं स्वच्छ गुलाल से होला महल्ला मनाते थे 
 
 
सांसारिक रंगों से दूर रहकर गुरबाणी के रंगों में रंग प्रभु भक्ति में लीन रहने का उपदेश देते थे। गुरमत संगीत अकैडमी के बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में शबद कीर्तन गायन किया। शाम का दीवान 6.30 बजे रहिरास साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ उसके उपरान्त सिमरन साधना परिवार के बच्चों हरमिन्दर सिंह यश (तबला), दिवानशी दुआ (गिटार), गुरकीरत कौर (सिंथेसाइज़र), सिमरन कौर (सिंथेसाइज़र), आदिति अग्रवाल (गिटार) वाद्यय यंत्रों द्वारा शबद कीर्तन एवं नाम सिमरन द्वारा समूह संगत को निहाल किया कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिह मीत ने किया
 
दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने आई साध संगतों को होला महल्ला की बधाई दी। गुरू का लंगर वितरित किया गया।
 
 
 
नोटः- दिनाँक 03 अप्रैल 2021 को ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिण्डोला, लखनऊ में शाम 7 बजे से 9 बजे तक अनन्तशील वेल्फेयर फाउन्डेशन की ओर से फ्री मेडिकल हैल्थ कैम्प का आयोजन किया जायेगा। कीर्तन एवं नाम सिमरन के कार्यक्रम होंगे श्रधालुओं में पौधों का वितरण भी किया जायेगा।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें