सैंकड़ों मौतों के बावजूद अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं?- अजय कुमार लल्लू
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों व उजड़ते परिवारों के लिये भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पिछले 4 वर्षों में जहरीली शराब पीने से लगभग चार सौ मौतों के बाद आबकारी अधिनियम 1910 में संशोधन के अतिरिक्त शराब माफियाओं के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने से परहेज करते हुए मात्र जबानी जमा खर्च करती चली आ रही है।
योगी सरकार के संरक्षण में दस हजार करोड़ का समानान्तर अवैध शराब कारोबार चल रहा है। मा0 उच्च न्यायालय द्वारा 12 अप्रैल 2017 को यह आदेश पारित किया है कि प्रदेश में जहरीली शराब कारेाबार को रोकने व इसकी बिक्री करने वालों के विरूद्ध आजीवन कारावास, गैंगेस्टर व मृत्यु दण्ड जैसे सख्त दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि दूरदराज के ग्रामीण इलाकों के जनपदों की छोड़िए, सरकार की नाक के नीचे राजधानी व उससे सटे जनपदों में भी योगी सरकार जहरीली शराब के कारोबार से हुई मौतों को रोकने में नाकाम रही है।
शराब माफिया अन्य प्रान्तों से अवैध शराब की तस्करी कर भारी मुनाफा कमा रहे हैं और लगभग 10 हजार करोड़ के अवैध कारोबार को संचालित कर रहे हैं। सरकार के संरक्षण में आबकारी विभाग, पुलिस व शराब माफियाओं का तंत्र पैसों के लालच में जहरीली शराब की बिक्री कर मौत बांटने का काम कर रहे हैं वहीं सरकार मात्र आबकारी राजस्व के मुनाफे से फूली नहीं समा रही है। अपराध नियंत्रण में पूरी तरह विफल योगी सरकार की जहरीली अवैध शराब बिक्री को रोकने की झूठी कवायद मौतों के आंकड़े के आधार पर खुद ब खुद स्पष्ट हो जाती है कि उसकी नीयत अवैध शराब कारोबार को प्रोत्साहन व शराब माफियाओं व ऐसे नापाक गठजेाड़ को संरक्षण देने की है।
दूसरे प्रान्तों में जाकर प्रचार में व्यस्त मुख्यमंत्री के खुद के प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था, अवैध एवं जहरीली शराब से आम जनता जान गंवा रही है और योगी अपनी झूठी प्रसंशा के पुल बांधते रहते हैं।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा कि जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद तमाम घोषणाएं करने आबकारी अधिनियम 1910 में संशोधन कर बिक्रेताओं के विरुद्ध मृत्युदण्ड तक का प्रावधान करने के बाद हर घटना के बाद विशेष जांच टीम गठित करने प्रभावी विधिक कार्यवाही की जुमलेबाजी करती है किंतु अपने शासनकाल में एक भी शराब माफिया को सजा नही दिलवा पाना और घटना की लीपापोती करना यह साबित करता है कि आबकारी, पुलिस व शराब माफियाओं के नेक्सस को योगी सरकार का पूरा वरदहस्त प्राप्त है।
जहरीली शराब से हृदय विदारक मौतों व उनके परिवारजनों की चीखों के बाद सरकार का हर बार रटा-रटाया जवाब सामने आता है कि ‘जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई होगी’। हालांकि, आगे क्या कार्रवाई होती है इसका पता तो अभी तक नही चल पाया है आगे पता चलेगा भी अथवा नहीं, यह अनुमान भी ठीक से नहीं लगाया जा सकता। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आखिर मुख्यमंत्री अवैध शराब के कारोबारियों, शराब माफियाओं, अवैध शराब की बिक्री करने वालों एवं इनके इस गठजोड़ के विरूद्ध सख्त कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं? आखिर अवैध शराब कारोबारियों को क्येां बचा रही है सरकार? कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अवैध, जहरीली शराब से हो रही मौतों के बाद सरकार मूल सवालों के जवाब नहीं देती कि आखिर गांवों में जहरीली शराब आती कहां से है?
इसके पीछे किन लोगों का हाथ है? क्या आबकारी और स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा है? क्या जहरीली शराब से होने वाली मौतें रोकने के लिए कितने ठोस कदम उठाए गए? कितने शराब माफियाओं को सजा दिला पायी? क्या आबकारी और पुलिस विभाग को गांवों में चल रहीं कच्ची शराब की भट्ठियों की कोई जानकारी नहीं है? क्या गैर प्रान्त से आने वाली अवैध शराब के सम्बंध में कोई जानकारी नही है उपरोक्त मूल प्रश्नों के उत्तर सरकार देने से क्यों कतराती है?