सैद्धांतिक राजनीति के प्रतिमूर्ति थे पंडित रामकृष्ण द्विवेदी- अवधेश सिंह

लखनऊ। पंडित रामकृष्ण द्विवेदी की प्रथम पुण्यतिथि पर आज प्रेस क्लब लखनऊ में "ह्रास होती सैद्धांतिक राजनीति और पंडित रामकृष्ण द्विवेदी" विषय पर एक संगोष्ठी व श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। अनुभूति (साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक ट्रस्ट) के बैनर तले संस्था के अध्यक्ष अवधेश सिंह के संयोजन व पूर्व सांसद संतोष सिंह की अध्यक्षता में उक्त गोष्ठी सम्पन्न हुई।

डा. संतोष सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि पंडित के विचार हिमालय के चट्टान जैसे मजबूत थे। काग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र को स्थापित करने के लिये इनके द्वारा किये गए संघर्ष की एवज में काग्रेस पार्टी ने इनके साथ अन्याय किया। 70 सालो की सेवाओं को नजरंदाज करके उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया। उसी सदमे को पंडित बर्दाश्त नहीं कर पाए। पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र ने कहा कि पंडित मरे नही बल्कि कांग्रेस नेतृत्व ने उनकी हत्या की है। कांग्रेस नेतृत्व उनकी हत्यारी है। पूर्व सदस्य विधान परिषद सिराज मेंहदी ने कहा कि पंडित सशरीर तो हमारे बीच नही हैं किंतु उनके विचार ज़िंदा हैं ओर से जीवंत रखने के लिये हम सबका अनवरत संघर्ष रहना चाहिए।


उन्होंने प्रस्ताव किया कि हम लोग मिलकर उनकी आदमकद प्रतिमा कहीं न कहीं स्थापित करें जिसका उपस्थित लोगों ने हाथ उठा कर समर्थन किया। कार्यक्रम संयोजक अनुभूति के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने कहा कि पंडित रामकृष्ण द्विवेदी के ब्यक्तित्व में वैचारिक दृढ़ता व ब्यवहारिक सरलता का समन्वय था। कार्यक्रम को पूर्व विधायक नेकचंद पांडेय, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष पूर्व विधायक सतीश अजमानी, संजय दीक्षित, जे.एस. मक्कड़, बरिष्ठ आईएएस अनीस अंसारी, अजय सिंह, कांग्रेस प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह, संगमलाल शिल्पकार, रमेश सिंह, नैमिष प्रताप सिंह, सुरेश वर्मा, सिद्धि, विजय यादव सहित पंडित के बड़े सुपुत्र प्रदूमुन द्विवेदी व प्रदीप द्विवेदी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में उनकी बहू उर्मिला द्विवेदी, नलनी द्विवेदी व पोता अनल द्विवेदी की भी उपस्थिति रही। अंत मे सी पी भारतीय ने आये हुए अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित कर सबका आभार ब्यक्त किया।

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