भाजपा सरकार ने प्रशासन पर नियंत्रण पूरी तरह खो दिया है- अखिलेश यादव


लखनऊ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने प्रशासन पर नियंत्रण पूरी तरह खो दिया है। वैज्ञानिकों और वरिष्ठ डाक्टरों की तमाम चेतावनियों को अनसुना कर मुख्यमंत्री स्टार प्रचारक बनकर दूसरे प्रदेशों के दौरे पर निकल गए और उनकी टीम इलेवन विश्राम में चली गई। नतीजा प्रदेश में कोरोना संक्रमण में न तो तेजी रूक रही है और नहीं इलाज के अभाव में मरने वालों की संख्या की वृद्धि रूक पा रही है।

हर तरफ हाहाकार चीख पुकार है पर भाजपा सरकार है कि वह आज भी बैठकों से खानापूरी कर रही हैं उसे लोगों की जान और तकलीफों की फिक्र नहीं। ऐसी संवेदनशून्य सरकार इतिहास में कभी नहीं आई। जो खब़रे आ रही है वे विचलित करने वाली हैं। बरेली में श्मसान भूमि कम पड़ गई। चबूतरे पर जल रही चिताएं। प्रयागराज में अंतिम संस्कार के नाम पर लूट मची है, लकड़ी के लिए मनमाने दाम वसूले जा रहा हैं। गाजियाबाद, आगरा और कानपुर में भी बुरे हालात हैं। लखनऊ में तो सरकारी अकर्मण्यता से हालात ज्यादा खराब हो रहे हैं। यहां न एम्बूलेंस मिल रही है नहीं अस्पतालों में मरीजों की भर्ती हो रही है। सड़क पर या स्ट्रेचर पर ही लोग दम तोड़ रहे हैं।

डाक्टर भी संक्रमित हो रहे हैं। जो साहस के साथ सेवा में लगे है प्रशासन उन्हें ही परेशान कर रहा है। उन्हें पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं मिल रही है। सरकार द्वारा कागजों पर घोषित क्वारेंटाइन सेंटरों का हकीकत में वजूद ही नहीं है। कानपुर में बने एक क्वारेंटाइन सेंटर में हो रही शादी तो दूसरे में आराम फरमा रहे कुत्ते। वहां साबुन तक नहीं, सैनिटाइजेशन की बात तो छोड़िए आक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से मरीजों की सांसे अटक रही है। आगरा में आक्सीजन की कमी से 65 एम्बूलेंस नहीं चली। कानपुर, लखनऊ, कन्नौज, आजमगढ़, वाराणसी, चित्रकूट सहित कई जनपदों में भी स्वास्थ्य सेवाओं तथा आक्सीजन की बदहाली जानलेवा साबित हो रही है। गोण्डा में ‘कोरोना हास्पिटल में वेंटीलेटर स्टाफ को चलाना नहीं आता‘।

चिकित्सा अधिकारी के ये शब्द भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्गति दर्शाते हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार ने ऐसा विकास किया है और प्रदेश को खुशहाल बनाया है कि श्मसान में जगह नहीं है और अस्पताल में बेड नहीं। शहर से गांव तक मातम लेकिन अंधी-बहरी बनी है सरकार। कहां है वे इंतजाम जिनका बयान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री देते रहते हैं? अच्छा हो भाजपाई हालात सम्हाल नहीं पा रहे हैं तो कुर्सी छोड़ें ताकि जनता की जिंदगी से और खिलवाड़ बंद हो।

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