निषाद समाज की उपेक्षा के साथ उनके जीवनयापन पर रोक लगाना चाहती है भाजपा- अखिलेश यादव


लखनऊ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि धर्म का इस्तेमाल सत्ता सुख पाने के लिए नहीं होना चाहिए। मंदिरों को लेकर राजनीति करना अनुचित है। सत्ता जनसेवा का माध्यम है। स्वार्थसाधन का नहीं। अयोध्या तीर्थस्थल है जहां बड़ी संख्या में दर्शनार्थ श्रद्धालु देश के कोने-कोने से आते हैं। इनके आने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ तमाम मठ-मंदिरों से जुड़े परिवारों का भी पालन होता है। उनको उजाड़ने की भाजपा सरकार की चेष्ठा शर्मनाक है।

अखिलेश यादव आज समाजवादी पार्टी कार्यालय लखनऊ में अयोध्या से आए उद्योग व्यापार मण्डल तथा निषाद समाज के प्रतिनिधियों से वार्ताक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा नफरत और समाज को बांटने का काम करती है। विकास का अर्थ विनाश नहीं होता है। गरीबों के लिए रोटी-रोजगार की व्यवस्था करने के बजाय उनको उजाड़ने का काम करने से पहले उनकी समस्याओं का समाधान भी करना चाहिए। सहमति के आधार पर काम करने का तरीका अपनाने से सद्भाव बढ़ता है।

यादव ने कहा कि निषाद समाज लोगों की जान बचाने का पुण्य कार्य करता है। पानी में जान बचाना आसान काम नहीं। भाजपा सरकार निषाद समाज की उपेक्षा के साथ उनके जीवनयापन के साधनो पर भी रोक लगाना चाहती हे। वाराणसी में उनकी नावें तक तोड़ दी गईं। समाजवादी पार्टी निषादों के साथ है। भविष्य में उनकी मदद में कतई कोताही नहीं होगी। 2022 में समाजवादी सरकार बनने पर निषाद समाज के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता। निषाद समाज के लोगों ने कहा कि भाजपा राज में उनका उत्पीड़न हो रहा है। उन पर फर्जी केस लगाए जा रहे हैं। भाजपा सरकार उन पर अत्याचार कर रही है।


निषाद समाज का भरोसा समाजवादी पार्टी पर है। अखिलेश के मुख्यमंत्री बनने पर ही उनकी जिंदगी सुधर सकेगी। अयोध्या में सरयू नदी में डूब रहे लोगों में से 320 व्यक्तियों की भगवान दीन निषाद, 70 व्यक्तियों की प्रदीप निषाद, 16 व्यक्तियों को विक्रम निषाद और सोनी निषाद ने 40 लोगों की जान बचाई है। अखिलेश यादव ने डूबते लोगों की जान बचाने वाले निषाद समुदाय के लोगों के साहस की सराहना करते हुए हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। अयोध्या उद्योग व्यापार मण्डल के प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सम्बोधित ज्ञापन में कहा कि नया घाट अयोध्या में टेढ़ी बाजार के मध्य कजियाना, पुराना बस स्टाप, हनुमान गढ़ी चौराहा, श्रृंगार हाट, शास्त्री नगर, बाबू बाजार, नया घाट, मुख्य बाजार है।

इस बाजार में प्राचीन मंदिरों व भवनों की ही श्रृंखला है जिसमें बनी दुकानों से होने वाली आय से मठ-मंदिरों में भगवान के भोग-राज की व्यवस्था होती है। वहीं दुकानदार-व्यवसायी पुश्तैनी किरायेदार की हैसियत से रह रहे हैं व अपने एवं परिवार की जीविका के लिए दुकान भी चला रहे हैं। फोरलेन सड़क निर्माण से अधिकांश मठ-मंदिर के मुख्यद्वार टूटने से उसकी स्थिति में परिवर्तन आ जाएगा। अधिकांश व्यापारी-दुकानदार-किरायेदार विस्थापित हो जायेंगे। इससे उनकी जीविका का साधन  छिनेगा और लोग विकल्प के अभाव में सड़क पर आ जायेंगे।

व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों ने अपने ज्ञापन में यह भी उल्लेखित किया कि जहां भाजपा सरकार द्वारा अयोध्या के मठ-मंदिरों की जीर्णोद्धार-मरम्मत व सौंदर्यीकरण की योजना चलाने की बात की जाती है, वहीं दूसरी ओर फोरलेन सड़क बनने पर उन्हें तोड़ दिया जायेगा। जिससे मंदिर के अंदर बनी दुकानों को भी तोड़ दिया जायेगा। नया घाट से सहादतगंज तक लगभग 4-5 हजार दुकानदार-व्यापारी हैं जो अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इस अवसर पर अखिलेश यादव को निषाद समाज ने नाव और व्यापार मण्डल के प्रतिनिधिमण्डल ने राम दरबार एवं राम नामी भेंट किया।

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