10 मई (सोमवार) को प्रातः सात बजे तक बढ़ाया गया कोरोना कर्फ्यू

लखनऊ : कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए दिशा-निर्देश। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में आंशिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी हो रहा है। लोग स्वतः आवागमन कम कर रहे हैं। वर्तमान में 06 मई की प्रातः 07 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू है, इसे 10 मई (सोमवार) को प्रातः सात बजे तक विस्तार दिया जा रहा है। सभी जिलों में इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। 

आंशिक कोरोना कर्फ्यू की अवधि में स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यों के लिए पूरी छूट रहेगी। औद्योगिक गतिविधियां, ई-कॉमर्स   से सम्बंधित कार्य यथावत चलते रहेंगे। राशन वितरण और टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप से जारी रहेगा। ऐसे लोगों को कतई न रोका जाए। पुलिस इनकी यथावश्यक मदद करे। विशेष परिस्थितियों के लिए ई-पास की व्यवस्था लागू की गई है।

मुख्यमंत्री के कहा आंशिक कोरोना रेहड़ी पटरी व्यवसायियों, ठेला लगाने वालों, दैनिक श्रमिकों आदि के भरण-पोषण हेतु 'सामुदायिक भोजनालयों' का संचालन प्रारम्भ कर दिया जाए। कंटेनमेंट ज़ोन में केवल डोर-स्टेप डिलीवरी व्यवस्था ही आपूर्ति होगी। प्रत्येक दशा में कंटेनमेंट ज़ोन को प्रभावी बनाएं। औद्योगिक इकाइयों में भोजन का आदि का आवश्यकतानुसार प्रबन्ध रहे। कोई भी व्यक्ति भोजन के अभाव में परेशान न हो, इसे सुनिश्चित किया जाए।

कोरोना से लड़ाई में टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट के मंत्र का अनुपालन करते हुए उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां नए केस कम आ रहे हैं, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। कुछ कुछ दिनों से दैनिक नए केस की तुलना में डिस्चार्ज होने वालों की संख्या अधिक हो रही है। बीते 24 घंटों में 21,165 नए केस आए हैं, जबकि 40,852 लोग स्वस्थ हुए हैं। टेस्ट के महत्व के अनुरूप प्रदेश में एग्रेसिव टेस्टिंग नीति अपनाई गई है। बीते 24 घंटों में 2,32,038 टेस्ट हुए हैं, इसमें 1,13,000 टेस्ट केवल आरटीपीसीआर माध्यम से हुए हैं। प्रदेश में अब तक 4,20,32,500 टेस्ट किए जा चुके हैं। यह देश में किसी राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक कोविड टेस्ट है।

कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण सुरक्षा का अहम माध्यम है। इस महत्व को समझते हुए प्रदेश में टीकाकरण अभियान को तेजी से संचालित किया जा रहा है। 18-44 आयु वर्ग के लोगों के निःशुल्क टीकाकरण की घोषणा करने और क्रियान्वित करने वाला प्रथम राज्य उत्तर प्रदेश है। अब तक 18-44 आयु वर्ग के 51,284 नागरिकों को टीकाकरण का पहला डोज लगाया जा चुका है। इसी प्रकार, 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण की प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है। अब तक वर्तमान में 1,30,90,985 डोज एडमिनिस्टर किए जा चुके हैं। वैक्सीन वेस्टेज को न्यूनतम करने के लिए विशेष प्रयास किये जायें।  18-44 आयु वर्ग के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए ग्लोबल टेंडर भी जारी कर दिया गया है। इसका अनुश्रवण करते हुए यथाशीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए।

कतिपय अस्पतालों में बेड/ऑक्सीजन आदि की उपलब्धता होने के बाद भी अनावश्यक अभाव दर्शा कर मरीजों और उनके परिजनों के इलाज में आनाकानी करने की शिकायतें मिली हैं। कुछ जगहों पर नियत शुल्क की दर से अधिक की वसूली की बात भी सामने आई है। ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई की गई है। ऐसी सभी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए। सेक्टर मैजिस्ट्रेट की तैनाती ऐसी व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए ही की गई है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। सेक्टर मैजिस्ट्रेट अस्पतालों के बाहर भी भ्रमण करते रहें, किसी मरीज/परिजन को किसी भी प्रकार की जरूरत हो तो उसे मुहैया कराएं।

कोविड संक्रमण से गांवों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार आज से सभी 97000 राजस्व गांवों में वृहद टेस्टिंग अभियान शुरू कर रही है। निगरानी समितियों के माध्यम से घर-घर स्क्रीनिंग हो, तापमान और ऑक्सीजन लेवल चेक किया जाएगा और लक्षणयुक्त व्यक्ति का आरआरटी द्वारा एंटीजन टेस्ट किया जाएगा। होम आइसोलेशन वाले मरीजों को मेडिकल किट और सतर्कता बरतने के लिए जानकारी दी जाए।आवश्यकतानुसार उन्हें क्वारन्टीन अथवा हायर मेडिकल सेंटर में इलाज के लिए भर्ती कराया जाए। स्वास्थ्य विभाग आरआरटी टीम की संख्या बढ़ाए। यह अभियान कोविड संक्रमण की चेन को तोड़ने में बहुत सहायक सिद्ध होगा।

प्रदेश में रेमेडेसीवीर सहित जीवनरक्षक मानी जा रही सभी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए रेमेडेसीवीर का दैनिक आवंटन भी बढ़ा दिया है। सरकारी कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार डीएम/सीएमओ द्वारा इसकी उपलब्धता कराई जा रही है। सभी जिलाधिकारी और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि जब भी किसी मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाए तो वहां नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एक चिकित्सक भी उपस्थित हो। इस जीवनरक्षक दवा की मांग, आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण रखा जाए।

 कोविड के संबंध में मेडिकल गाइडेंस के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गई है। यह टीम प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों/कोविड अस्पतालों के सतत संपर्क में रहेगी। राज्य स्तरीय टीम-09 को भी समय-समय पर परामर्श देगी। हमें कोविड प्रबंधन में तकनीकी और प्रबन्धन शिक्षण संस्थानों से भी समय-समय पर सहायता लेनी चाहिए।

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