इलाज की जगह इश्तहार और जिंदगी की जगह मौत बांट रही है भाजपा- पूर्व मुख्यमंत्री

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि शहरों के बाद प्रदेश के गांवो में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। मौत का कहर बरपा रहे संक्रमण पर शासन-प्रशासन जानकर अनजान बन रहा है। भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री अपनी नाकामी छुपाने के लिए सफलता का झूठा ढिढ़ोरा पीटने में लगे है। यह भाजपा सरकार जनता का सहारा बनने के बजाय उस पर बोझ बन गई है।

गांवो में ताबड़तोड़ हो रही मौतों से दहशत व्याप्त है मुख्यमंत्री के बनाए गए प्रभारी मंत्री लापता है और मेरठ के प्रभारी मंत्री तो पिछले दिनो दो घंटे सर्किट हाउस के एसी कमरे में बैठकर चले गए और उन्होने जनता की न तो तकलीफें सुनी और नहीं अस्पतालों का निरीक्षण किया। भाजपा सरकार और उनके मंत्रियो की संवेदनहीनता अमानवीय हो गई है। गांवो में कोरोना संक्रमण बढ़ने का कारण यह है कि भाजपा सरकार दवाई, टेस्ट, डाक्टर तथा टीके को कोई इंतजाम नहीं कर पा रही है। गांवो में स्वास्थ्य का ढांचा भाजपा सरकार ने पहले से ही ध्वस्त कर दिया है। वे असहाय मूकदर्शक बन गए हैं। जिन पर लोगों के इलाज की जिम्मेदारी है वे हाथ पर हाथ धरे बैठे है।

गोंडा के गांवों में शहरों से 7 गुना ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं। गतदिवस को नए निकले 119 मरीजों में 105 ग्रामीण पॉजिटिव मिले। पंचायत चुनावों के बाद संक्रमण दर 18 प्रतिशत तक पहुंच गई है। खुद मुख्यमंत्री के गृृह जनपद गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना कहर से हाहाकार मचा हुआ हैै। अधिकारी आंकड़ो पर पर्दा डालने के खेल में लग गए हैं। गोरखपुर की ग्राम पंचायतों में 46 हजार ग्रामीण खांसी, बुखार की चपेट में हैं प्रशासन सिर्फ 764 की संख्या बताकर अपनी नाकामी छुपा रहा है। गोरखपुर वाराणसी हाईवे पर बस से हाटा बुजुर्ग गांव में 15 मौतें होने की दर्दनाक खबर है। लोग खांसी, बुखार और सांस फूलने से परेशान है। अभी तक पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं गांवो तक नहीं पहुंच पा रही है।

कानपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी हालात बेकाबू हो रहे है। चैबेपुर गांव में 15 दिन में 35 मौतें हुई। ग्राम घसारा में 11 दिन में 13, ग्रामीण पीपली में 7 मौतें हुई। ग्राम परसहा में एक महीने में 24 मौतें हुई। बुखार-खांसी के तमाम मरीज हैं। बरेली के क्यारा गांव में बुखार-खांसी से 26 मरे। बुलन्दशहर के बसी गांव में 8 बुखार से मरे जब कि मदनपुर के नकईल गांव में 20 दिन में 15 मौतें हुई है। मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में 12 मौतें हुई। कई गांवो में लोग बुखार में तप रहे हैं। कोई पूछने वाला नहीं। भाजपा सरकार बस इलाज की जगह इश्तहार और जिंदगी की जगह मौत बांट रही है। चारों ओर हाहाकार की चीखें भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी के कानों तक नहीं पहुंच रही है। वे अपनी सभी मानवीय संवेदनाएं खो चुके हैं। गंदी राजनीति और झूठे प्रचार से ही वे अपने को सफल मान रहे है। जनता उनको किस निगाह से देख रही है, इसका अंदाजा उन्हें सन् 2022 के चुनावो में ही लगेगा।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें