मंगल ग्रह पर आक्सीजन की तलाश में भारत और भारत में आक्सीजन की तलाश में जान गंवाते लोग - विजय पाण्डेय

 लखनऊ।  कोरोना महामारी पर नियंत्रण और सुविधाओं की उपलब्धता के दावों के बीच लोग आक्सीजन और मेडिकल सुविधाओं की भारी किल्लत की वजह से अपनी जान गँवा रहे हैं जबकि सरकार का दावा है कि किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है, नए आक्सीजन प्लांट लगाने और औद्योगिक इकाईयों को उत्पादन बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, फिर भी आक्सीजन न मिलने से लोग मौत के मुंह में जाने को मजबूर हैं जबकि, विश्व के कई देश मेडिकल सहायता देने के लिए अपने हाथ फैला चुके हैं जिनमें फ्रांस, आयरलैंड 700 कंसंट्रेटर 365 वेंटिलेटर, बेल्जियम, रोमानिया 80 कंसंट्रेटर, 75 ऑक्सीजन सिलेंडर, लग्जमबर्ग 58 वेंटिलेटर, पुर्तगाल 20,000 लीटर लिक्विट ऑक्सीजन, स्वीडन 120 वेंटिलेटर, सऊदी अरब, यू०ए०ई०, ब्रिटेन, रूस और अमेरिका आदि प्रमुख है, सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय के कहा कि मंगल ग्रह पर जीवन की  संभावनाओं की तलाश करने वाले भारत में जिस प्रकार की अव्यवस्था व्याप्त है वह शर्मसार करने वाली है। 

विजय पाण्डेय ने कहा कि आक्सीजन सिलेंडर भरने के लिए अभी तक लोग मरीज का पर्चा दिखाकर सिलेंडर भरवा लेते थे लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई जिसके कारण भारी संख्या में घर पर ही क्वारेंटीन मरीजों की जान खतरे में आ गई है, एम्बुलेंस और प्राईवेट अस्पताल को ही भराने की इजाजत देकर सरकार ने लोगों में जहां दहशत बढाई है वाही कालाबाजारी को और अधिक बल मिल गया है।  

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