चार साल में जनता को भाजपा से धोखा ही मिला है- अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के मतदाताओं को पंचायत चुनावों में समाजवादी पार्टी को बहुमत से जिताने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कोरोना संकट और प्रशासनिक दबाव के बावजूद बड़ी तादाद में समाजवादी पार्टी को जीत दिलाकर लोगों ने लोकतंत्र को बचाने का भी काम किया है।
 
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट में भूमि खरीद के मामलों में भारी घोटाला होने की खबर है। करोड़ों की हेराफेरी का प्रभावित मामला बताया जा रहा है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ट्रस्ट के सभी सदस्यों को इस्तीफा देना चाहिए। अयोध्या के धर्मपुर गांव में किसानों की भूमि एयरपोर्ट के लिए अधिगृहीत की जा रही है। किसानों को समुचित रेट पर मुआवजा मिलना चाहिए। चार साल में जनता को भाजपा से धोखा ही मिला है। समाजवादी सरकार ने विकास के जो काम किए, भाजपा ने द्वेषवश उन्हें बर्बाद किया। भाजपा सरकार की गलत नीतियों और सत्ता के दुरुपयोग से समाज का हर वर्ग परेशान है। कोरोना संकटकाल में भाजपा सरकार की भूमिका शर्मनाक रही है।
 
संक्रमित लोगों को अस्पतालों में न बेड मिले, न सही इलाज, ऑक्सीजन और इंजेक्शन की काला बाजारी खुले आम होने से मरीज तड़प-तड़प कर मर गए। पलायन के शिकार श्रमिकों की रोजी रोटी की कोई व्यवस्था नहीं हुई। भाजपा सरकार के कार्यकाल में मंहगाई ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 12.94 प्रतिशत के सर्वोच्च स्तर पर बढ़ी मंहगाई से घरेलू अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट है। पेट्रोल-डीजल के दामों में जबरदस्त बढ़त से खाद्य सामग्री, परिवहन सभी महंगे हो गए हैं। नोटबंदी, जीएसटी ने व्यापारियों का धंधा चौपट कर दिया। मंडियों की व्यवस्था चौपट होने से किसान बदहाल है। उसको फसल का लाभकारी मूल्य मिल नहीं रहा है और न किसान की आय दुगनी हुई। किसानों पर तीन काले कानून थोप दिए गए इसलिए किसान आक्रोशित और आंदोलित हैं।
 
सच तो यह है कि भाजपा ने एक भी अपना वादा पूरा नहीं किया। नौजवानों से रोजगार देने के नाम पर छल हुआ। भर्ती के विज्ञापन बहुत छपे परन्तु भर्ती कहीं नहीं हुई। पूर्वांचल एक्सप्रेस चार वर्ष में भी नहीं बना। प्रदेश में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ। उल्टे उसे महंगा कर दिया गया। समाज में भेदभाव और विपक्ष के प्रति बदले की भावना से कार्रवाई होने से भाजपा सरकार जनता की निगाहों में अपनी साख खो चुकी है। अच्छे दिन की जनता की उम्मीदें टूट गई हैं। सन् 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अब बस गिने चुने दिन ही रह गए हैं, भाजपा की विदाई और समाजवादी सरकार बनने में। 350 से ज्यादा विधायकों की ताकत के साथ समाजवादी पार्टी की सरकार बहुमत में आएगी।

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