पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव के मौत की सीबीआई जांच हो- प्रियंका गांधी
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका
गांधी वाड्रा ने पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध हालत में मौत पर राज्य
सरकार को एक खत लिखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र
में उन्होंने सुलभ श्रीवास्तव के मौत की सीबीआई जांच की मांग की है।
प्रियंका ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने का अनुरोध किया है।
साथ
ही उन्होंने शराब माफियाओं और प्रशासन में उनकी घुसपैठ को जड़ से उखाड़ने
के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही सरकार पत्रकारों और कलम के
सिपाहियों को सुरक्षा दे। इनको सुरक्षा देने का काम प्रदेश की
कानून-व्यवस्था का है। पत्र
में प्रियंका गांधी ने लिखा है, “पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की प्रतापगढ़
में 13 जून की रात संदिग्ध हालत में मृत्यु हो गई। वह एक न्यूज़ कवर करके
घर वापस लौट रहे थे। खबरों के मुताबिक वे एक ईंट-भट्टे के पास मृत मिले।
उनके सिर पर गहरे चोट के निशान थे। 12 जून को ही सुलभ श्रीवास्तव ने एडीजी
प्रयागराज जोन को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि स्थानीय
शराब माफिया अवैध शराब पर उनकी न्यूज़ रिपोर्ट से नाराज हैं। उन्हें अपनी
और अपने परिवार की सलामती की चिंता है।
प्रशासन को पत्र भेजे जाने के एक
दिन बाद ही संदिग्ध हालत में उनकी मौत हो गई। सुलक्ष श्रीवास्तव के परिजनों
और पत्रकार साथियों ने इस मामले की सीबीआई जांच कर सच सामने लाने की मांग
की है।” प्रियंका
गांधी ने शराब माफियाओं और स्थानीय प्रशासन में उनके घुसपैठ पर भी
कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लिखा है, “उत्तर प्रदेश में कई जगहों से
जहरीली शराब से हुई मौतों की खबरें आई हैं। अलीगढ़ से लेकर प्रतापगढ़ तक
जहरीली शराब के चलते सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में एक पत्रकार
द्वारा खबरें दिखाने को लेकर शराब माफियाओं से खतरा होने की आशंका बताती है
कि प्रदेश में कानून के राज का इकबाल खत्म हो चुका है।”
पत्रकारों
पर हमले को लेकर भी कांग्रेस महासचिव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है,
“उत्तर प्रदेश में बलिया, उन्नाव समेत कई जगहों पर पहले भी पत्रकारों पर
हमले होते रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री से इस मामले की सीबीआई जांच करवाने की
मांग करती हूं। प्रदेश भर में जड़ जमा चुके शराब माफिया और प्रशासन के
गठजोड़ पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही पीड़ित परिवार और मृतक के आश्रितों
को फौरन आर्थिक मदद की जाए।" पत्रकारों और कलम के सिपाहियों को सुरक्षा
देने का काम प्रदेश की कानून-व्यवस्था का है। आशा है कि दिवंगत सुलभ
श्रीवास्तव के परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में आप सकारात्मक कदम
उठाएंगे।