मानसिक आलस्य बहुत खतरनाक होता है

 
मानसिक आलस्य बहुत खतरनाक होता है शरीर द्वारा किसी काम को करने की असमर्थता व्यक्त करना, यह शारीरिक आलस्य है मगर किसी काम को करने से पहले ही यह सोच लेना कि यह काम मेरे वश का नहीं है अथवा किसी काम को करने से पहले ही हार मानकर बैठ जाना, पीछे हट जाना यह मानसिक आलस्य है।
 
इस मानसिक आलस्य के कारण बहुत लोग दुखी होते हैं, असफल होते हैं और इसी निराशा के कारण डिप्रेशन तक पहुँच जाते हैं इस मानसिक आलस्य को दूर करने का उपाय है सदचिन्तन, सकारात्मक चिन्तन और अच्छे लोगों का संग। एक विचार आदमी के संसार को बदल देता हैयदि वह विचार शुभ है तो वह ना केवल स्वयं की प्रगति का कारण बनता है अपितु दूसरे लोगों के जीवन को भी बदलने तक की सामर्थ्य रखने वाला होता हैअतः हमेशा अच्छा सोचो ताकि मानसिक आलस्य से बच सको।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें