करोड़ों में बेंची गई नजूल की जमीनें मंदिर निर्माण के लिए दी जाएं मुफ्त- संजय सिंह
लखनऊ।
श्रीराम मंदिर निर्माण के नाम पर अयोध्या में जमीनों की
खरीद में भारी भ्रष्टाचार सामने आ चुका है। नौ दिन गुजरने के बाद भी हर
खरीद में गवाह बने ट्रस्ट के सदस्य अनिल कुमार मिश्र के खिलाफ कोई
कार्रवाई नहीं हुई। वह भी तब जब आचार्य देवेंद्र प्रसाद ने सामने आकर
कहा कि मुझसे तो बीजेपी के मेयर ने नजूल की जमीन ली।
नजूल की जमीन
अर्थात सरकारी जमीन, जिसे बगैर फ्री होल्ड कराए उसका मालिकाना हक किसी को
प्राप्त नहीं हो सकता। फिर भी भाजपा नेताओं और ट्रस्ट के पदाधिकारियों की
मिलीभगत से इतना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ। सरकारी जमीन को करोड़ों रुपये में
खरीदा-बेचा गया। मेरी मांग है कि जितनी भी नजूल की जमीन ट्रस्ट को बेची गई
है, उसे मंदिर निर्माण के लिए फ्री मुहैया कराया जाए, साथ ही प्रभु
श्रीराम के नाम पर भ्रष्टाचार करने वाले भाजपा नेताओं और ट्रस्ट के
पदाधिकारियों से वसूली करके उन्हें जेल भेजा जाए। ये
बातें आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने
मंगलवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं।
उन्होंने कहा
कि अब मामला सामने आने के बाद डीएम जांच कराने की बात कह रहे हैं। नजूल की
जमीन का स्वामी खुद डीएम होते हैं, ऐसे में अयोध्या के जिलाधिकारी का
बयान हास्यास्पद है। उन्हें पता था कि नजूल की जमीन के नाम पर
भ्रष्टाचार हो रहा है। वह ट्रस्ट के सदस्य भी हैं। ऐसे में उन्होंने
भाजपा के मेयर और अन्य नेताओं सहित ट्रस्ट के पदाधिकारियों संग मिलकर जिस
जमीन को मुफ्त में मंदिर को दिया जा सकता था, उसे करोड़ों रुपये में
बिकवाया। संजय सिंह ने कहा कि मैंने उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि यह सारी की सारी सरकारी
जमीन जिसे बगैर फ्री होल्ड कराए भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने करोड़ों
रुपये में ट्रस्ट को बेच दी है, उनके बैनामे और रजिस्ट्री रद की जाए और
वो करोड़ों रुपये जो बीजेपी और ट्रस्ट के नेताओं ने चंदा चोरी से जुटाए
हैं, उसे वसूला जाए।
संजय सिंह ने कहा कि प्रभु श्रीराम के मंदिर का
निर्माण अगर नहीं हो पा रहा है तो इसके पीछे भाजपा नेताओं की चंदा चोरी
जिम्मेदारी है। राज्यसभा सांसद ने सवाल उठाया कि डेढ़ वर्षों में जो लोग
प्रभु श्रीराम के मंदिर की नींव तक नहीं भर पाए, वो प्रभु श्रीराम के मंदिर
का निर्माण कैसे कर पाएंगे। कहा- जिनका ध्यान चंदा चोरी पर लगा है, वह
कैसे मंदिर का निर्माण करा पाएंगे। मैंने योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि
जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण हो। सारी नजूल की जमीन निशुल्क
मंदिर निर्माण के लिए दी जाए। संजय
सिंह ने दरोगा भर्ती-2016 का मामला भी उठाया। कहा कि 2016 में भर्ती
निकली। 2018 में परीक्षा हुई और 2486 लोगों का चयन हुआ। 2019 में ट्रेनिंग
शुरू हुई जो 2020 में पूरी हुई।
अभ्यर्थी आस लगाए रहे कि अब उन्हें
तैनाती मिलेगी, लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उन्हें उनके हाल पर
छोड़ दिया। अब जब ये अभ्यर्थी नौकरी मांगने आते हैं तो उन्हें लाठियां
मिलती हैं और उन पर मुकदमे दर्ज करा दिए जाते हैं। यह योगी आदित्यनाथ के
यूपी के नौजवानों को लाखों नौकरियां देने वाले दावों का सच है। इन
अभ्यर्थियों में से दो निराशा में अपना जीवन तक त्याग चुके हैं। मेरी
सरकार से मांग है कि इन अभ्यर्थियों को शीघ्र तैनाती दी जाए। एक
सवाल के जवाब में राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा वैक्सीनेशन
को लेकर राजनीति न करे। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैक्सीनेशन पर राजनीति करने
की जगह इस पर ध्यान दें कि किस तरह से ज्यादा से ज्यादा लोगों को
कोरोनारोधी टीका लग सकता है।