मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शिक्षा परियोजना परिषद की कार्यकारी समिति की बैठक की गयी आयोजित
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य
सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में समग्र शिक्षा हेतु उ0प्र-सभी
के लिए शिक्षा परियोजना परिषद की कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गयी। कार्यकारी
समिति के समक्ष समग्र शिक्षा की प्रगति एवं निर्धारित एजेण्डा बिन्दुओं पर
प्रस्तुतीकरण किया गया तथा वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2021-22 का
प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
वर्ष
2021-22 के लिए समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट हेतु रु0
12763 करोड़ की कार्ययोजना प्रस्तुत की गयी जिसमें बेसिक शिक्षा हेतु रु0
11429.14 करोड़, टीचर एजुकेशन हेतु रु0 183.86 करोड़ तथा माध्यमिक शिक्षा
हेतु रु0 1150 करोड़ सम्मिलित है। वर्ष 2020-2021 हेतु भारत सरकार के
प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड द्वारा कुल रु0 9007.88 करोड़ की वार्षिक
कार्ययोजना स्वीकृत की गयी थी जिसके सापेक्ष 2021-22 की कार्ययोजना में
41.69 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गयी है। बेसिक
शिक्षा के अन्तर्गत 7209 अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण, 2868 जर्जर
विद्यालयों का पुनर्निर्माण, 8070 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में
छात्र-छात्राओं के लिए फर्नीचर, 15587 विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के
लिए शौचालय, 19800 विद्यालयों का विद्युतीकरण, 806 विद्यालयों में सोलर
पैनल की व्यवस्था, 15191 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बालिकाओं के लिए
इन्सीनरेटर, 301 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चहारदीवारी निर्माण,
प्रत्येक विकास खण्ड में माॅडल स्कूल की स्थापना, 278 विद्यालयों में पेयजल
सुविधा तथा 103 विद्यालयों में वृहत मरम्मत के कार्य प्रस्तावित किये गये
हैं।
इसके अतिरिक्त समस्त विद्यालयों को कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट भी
सम्मिलित की गयी है। उक्त निर्माण कार्यों हेतु कुल रु0 2700.79 करोड़ की
धनराशि प्रस्तावित की गयी है। शिक्षा
की गुणवत्ता में सुधार के कार्यक्रमों हेतु कुल रु0 1051.15 करोड़ की
धनराशि प्रस्तावित की गयी है। प्रस्तावित कार्यक्रमों के फलस्वरूप मिशन
प्रेरणा कार्यक्रम को सफल बनाने में और छात्र-छात्राओं द्वारा ग्रेड
काम्पिटेन्सी हासिल करने में मदद मिलेगी। बालिका शिक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत कस्तूरबा गांधी बालिका
विद्यालयों का सुदृढ़ीकरण प्रस्तावित किया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष
2019-20 में 350 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का उच्चीकरण स्वीकृत
किया गया था जिसकी कार्यवाही गतिमान है। वर्ष 2021-22 हेतु अतिरिक्त 75
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को कक्षा 12 तक उच्चीकृत किये जाने का
प्रस्ताव सम्मिलित किया गया है और इस हेतु अकादमिक भवन एवं बालिका
छात्रावास के निर्माण की व्यवस्था रखी गयी है।
बालिका शिक्षा से संबंधित
कार्यक्रमों हेतु रु0 1295.11 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गयी है।
सामुदायिक सहभागिता के कार्यक्रमों हेतु रु0 1773.47 करोड़ की धनराशि रखी
गयी हे जिससे सभी छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफार्म, जूता-मोजा एवं
पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जायेगा। विद्यालय प्रबन्ध समितियों का
प्रशिक्षण एवं निजी विद्यालयों में कमजोर वर्ग के बच्चों के प्रवेश हेतु
शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि प्रस्तावित की गयी है। दिव्यांग बच्चों की
समावेशी शिक्षा कार्यक्रम हेतु रु0 44.41 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गयी
है जिससे छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उपकरण, ब्रेल पाठ्यपुस्तकें, होम
बेस्ड एजुकेशन एवं दिव्यांग छात्राओं को छात्रवृत्ति की व्यवस्था की
जायेगी। इसके साथ ही समग्र शिक्षा के अन्तर्गत कार्यरत शिक्षकों,
शिक्षामित्रांे एवं अंशकालिक अनुदेशकों के वेतन प्रतिपूर्ति हेतु रु0
5404.36 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गयी है। कार्यकारी समिति द्वारा उपरोक्तानुसार प्रस्तावित वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2021-22 अनुमोदित की गयी।
उपर्युक्त
के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा एवं निदेशक, मध्यान्ह
भोजन प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2021-22 की मध्यान्ह भोजन योजना की वार्षिक
कार्ययोजना एवं बजट हेतु रु0 4222.51 करोड़ की कार्ययोजना प्रस्तावित की गयी
जिस पर कार्यकारिणी समिति द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। बैठक में विचार-विमर्श के दौरान मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिये गये
कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार संबंधी कार्यों पर विशेष ध्यान केन्द्रित
किया जाये। इसके साथ ही अतिरिक्त कक्षा-कक्षों के निर्माण पर बल दिया जाये
ताकि छात्र-छात्राओं के बैठने की समुचित व्यवस्था हो सके। टेबलेट्स के क्रय
एवं छात्र-छात्राओं हेतु फर्नीचर की आपूर्ति समयबद्ध रूप में सुनिश्चित
करायी जाये। इसके अतिरिक्त वर्तमान शैक्षिक सत्र में शिक्षक प्रशिक्षण पर
विशेष बल दिया जाये और प्रशिक्षण के उपरान्त उसका आंकलन भी कराया जाये।