2017 से अभी तक ओबीसी अभ्यर्थियों को गंवानी पड़ी 11000 सीटें- अजय लल्लू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि  अन्य पिछड़ा वर्ग (व्ठब्) आरक्षण लागू किये बिना मेडिकल एंट्रेंस छम्म्ज् की परीक्षा कराना व्ठब् समाज के साथ घोर अन्याय है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कॉलेजों में छम्म्ज् के तहत होने वाले दाखिले में व्ठब् समाज को आरक्षण से दूर रखा जा रहा है।

मैं पूछता हूं क्या कारण है, आखिर क्यों इसे सरकार इसे लागू करने से बच रही है, क्यों व्ठब् समुदाय से इनती नफरत की जा रही है? अजय कुमार लल्लू ने आगे कहा कि ’ऑल इंडिया फैडरेशन फॉर अदर बैकवर्ड क्लासेज’ के आंकड़े बताते हैं कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में व्ठब् आरक्षण के लागू नहीं होने के कारण 2017 के बाद से कुल 11,000 से अधिक सीटें ओबीसी छात्रों को गंवानी पड़ी लेकिन, सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। सरकार बस अपने सिंहासन के मजे लूट रही है और अपनी जिम्मेदारियों को किनारे रख हमारे व्ठब् भाई-बहनों का हक खा रही है।

उन्होंने कहा कि  राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में व्ठब् के लिए 27 फीसदी के आरक्षण की मांग को सरकार अपनी जूती के नीचे कुचलने का काम कर रही है। ये लोग व्ठब् समाज को पूंछ  खींचने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं कर रहे हैं। सरकार को व्ठब् समुदाय पर भरोसा दिखाना चाहिए और उन्हें उनका हक देना चाहिए। अजय लल्लू ने ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाते हुये कहा कि छम्म्ज् परीक्षा में ओबीसी आरक्षण लागू कराने की मांग का समर्थन करती है और इस लड़ाई को काँग्रेस पुरजोर तरीके से लड़ेगी।

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