मीडिया को डराकर मोदी सरकार अपने निक्कमेपन के सबूत दबाना चाहती है- वैभव माहेश्वरी

लखनऊ। दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर इनकम टैक्स की रेड के खिलाफ लखनऊ में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने कहा कि लोकतंत्र के ऊपर हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया।
 
वैभव माहेश्वरी ने कहा कि जिस तरह से कोरोना के काल में सरकार की लापरवाही को उजागर करने का काम मीडिया ने किया, वह काबिले तारीफ है। मीडिया ने ऑक्सीजन के बिना तड़पते लोगों को दिखाने का काम किया और इस सरकार ने संसद के अंदर पूरी तरह से झूठ बोल दिया कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई, लेकिन मीडिया ने अपने फर्ज को निभाते हुए लोगों के दुखों को, तकलीफों को दिखाया, मुझे लगता है कि यह सरकार को नागवार गुजरा है। सरकार से जो मीडिया समूह नहीं डरता है उसको ये इनकम टैक्स की रेड के जरिये, सीबीआई के जरिये, तमाम तरह के हथकंडे अपनाकर डराने की कोशिश करते हैं। लोकतंत्र के ऊपर हो रहे हमले को बर्दाश्त करने के लिए कोई कारण नहीं बनता है।
 
प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। इसमें लिखा गया है कि सच दिखाने वाले मीडिया संस्थानों और उनके पत्रकारों पर छापे और मुकदमों की राजनीति करके सरकार मीडिया की आवाज को दबाने का पुरजोर प्रयास कर रही है । अभी हाल में ही भारत समाचार चैनल तथा दैनिक भास्कर जैसे बड़े और विश्वसनीय मीडिया संस्थानों के दफ्तरों और पत्रकारों पर आयकर के छापे डलवाना अभिव्यक्ति की आजादी पर और मीडिया की स्वतंत्रता पर गहरा आघात है । जो समाचार पत्र कोरोना काल मे देश की दुर्व्यवस्था को दिखा रहे हैं, उनपर तमाम सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल करके सरकार उनकी आवाज को दबाना चाहती है, यह पूरी तरह से संविधान के अनुच्छेद 19(1) का उल्लंघन है। भारत समाचार और दैनिक भास्कर जैसे मीडिया संस्थानों ने कोरोना काल में लोगों की दर्दनाक स्थिति को सबके सामने लाकर रखा है।
 
उन्होंने ऑक्सीजन के बिना तड़प कर मर रहे लोगों को दिखाया है, उसके परिजनों की तकलीफ को दिखाया है, उन्होंने देश की सच्चाई दिखाई है। सरकार अपनी असफलताओं को मीडिया संस्थानों की आवाज को दबा कर छुपाना चाहती है। ऐसे संस्थानों और उनमें काम कर रहे लोगों पर एकतरफा दमनात्मक कार्रवाई हो रही है। यह फ्री प्रेस पर सीधा हमला है । जनता के सामने सच बोलने के अधिकारों को छीनना भारत के संविधान के खिलाफ है। इन घटनाओं से मीडिया की स्वतंत्रता, नागरिक अधिकारों एवं भारतीय लोकतंत्र का अस्तित्त्व खतरे में आ गया है अतः आपसे अनुरोध है कि तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए लोकतंत्र को बचाने के लिए जो भी आवश्यक कदम हों, वे तुरंत उठाएं।

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