मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा आज लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना, प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक/एकाउण्टेन्ट-कम-डाटा इण्ट्री आॅपरेटर के चयन एवं तैनाती तथा इन पर होने वाले व्यय को वित्त आयोग, मनरेगा, ग्राम निधि एवं योजनाओं के प्रशासनिक मद में अनुमन्य धनराशि से व्यय किये जाने के प्रस्ताव स्वीकृत 58,189 पंचायत सहायक/एकाउण्टेन्ट कम डाटा इण्ट्री आॅपरेटर की तैनाती होगी, जिससे प्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन होगा।
मंत्रिपरिषद ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना, प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक/एकाउण्टेन्ट-कम-डाटा इण्ट्री आॅपरेटर के चयन एवं तैनाती तथा इन पर होने वाले व्यय को वित्त आयोग, मनरेगा, ग्राम निधि एवं योजनाओं के प्रशासनिक मद में अनुमन्य धनराशि से व्यय किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही, मंत्रिपरिषद ने ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत कार्यालय/ग्रामीण सचिवालय की स्थापना के सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश में कोई भी परिवर्तन मुख्यमंत्री की अनुमोदन से किये जाने की भी स्वीकृति प्रदान की है। प्रदेश में पहली बार ग्रामीण सचिवालय की स्थापना की जा रही है। उत्तर प्रदेश में 58,189 ग्राम पंचायतें हैं, जो त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। परन्तु प्रदेश में अभी तक ग्राम पंचायतें अपना कार्यालय स्थापित कर इसे व्यवस्थित रूप से चलाने में असमर्थ रही हंै। जबकि शासन की सभी महत्वपूर्ण योजनाएं ग्राम पंचायतों के माध्यम से अथवा ग्राम पंचायतों के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित होती हैं। 58,189 ग्राम पंचायत के सापेक्ष लगभग 16,000 ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम्य विकास अधिकारी के पद सृजित हैं, जिसके सापेक्ष लगभग 10,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
33,577 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन पूर्व से निर्मित हैं तथा 24,617 पंचायत घर निर्माणाधीन हैं। इन पंचायत भवनों में आवश्यकतानुसार मरम्मत व विस्तार की कार्यवाही की जा रही है। एक ग्रामीण सचिवालय/पंचायत कार्यालय को सुसज्जित करने के लिए उपयोगार्थ सामग्री लगभग 1.75 लाख रुपये की धनराशि अनुमन्य होगी। पंचायत कार्यालय में जनसेवा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। बी0सी0 सखी के लिए जगह उपलब्ध करायी जायेगी। पंचायत कार्यालय हेतु पंचायत सहायक/एकाउण्टेट कम डाटा इण्ट्री आॅपरेटर की तैनाती की जायेगी, जिसको 6,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देय होगा। पंचायत कार्यालय में विभिन्न योजनाओं/स्रोतों से प्राप्त होने वाली धनराशि का विवरण/निर्गत आदेश, बी0पी0एल0 परिवारों की सूची, विभिन्न योजनाओं के पात्र लाभार्थियों की सूची, जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रपत्र, ग्राम पंचायत के आय-व्ययक से सम्बन्धित पुस्तिका आदि उपलब्ध होंगे। इस हेतु वित्त पोषण वित्त आयोग, मनरेगा ग्राम निधि एवं योजनाओं के प्रशासनिक मद में अनुमन्य धनराशि से किया जायेगा। 58,189 पंचायत सहायक/एकाउण्टेट कम डाटा इण्ट्री आॅपरेटर की तैनाती होगी, जिससे प्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन होगा।
मंत्रिपरिषद ने अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग के प्रस्तावित गोसाईगंज बाजार बाईपास (लम्बाई 5.50 कि0मी0) के निर्माण/नवनिर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग का 04 लेन में चैड़ीकरण किया जा रहा है। इस मार्ग पर स्थित जनपद अयोध्या के गोसाईगंज बाजार की घनी आबादी एवं कैरिजवे की चैड़ाई कम होने के कारण उक्त मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को अक्सर जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। अतः गोसाईगंज बाजार बाईपास का निर्माण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। उक्त प्रस्तावित बाईपास बहराइच-अयोध्या-अकबरपुर मार्ग के चैनेज 148.850 से निकलकर गोसाईगंज भीटी मार्ग (अन्य जिला मार्ग) होते हुए पुनः बहराइच-अयोध्या-आजमगढ़ मार्ग के चैनेज 153.800 पर मिलेगा। उक्त मार्ग के बन जाने से बहराइच-अयोध्या-आजमगढ़ मार्ग के स्वीकृत 04 लेन मार्ग से गुजरने वाले भारी वाहन प्रस्तावित 04 लेन बाईपास से होकर जाएंगे। इससे अयोध्या से आजमगढ़, मऊ, वाराणसी, बलिया आदि स्थानों को जाने वाले भारी वाहनों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी एवं जनपद का सर्वांगीण विकास होगा। व्ययसमिति द्वारा इस परियोजना की लागत 11496.53 लाख रुपये अनुमोदित की गयी है।
मंत्रिपरिषद ने अयोध्या बिल्लहरघाट मार्ग (ए0बी0 बंधा मार्ग) को 02 लेन विथ पेव्ड शोल्डर (10.00 मीटर चैड़ाई) मंे चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य कराये जाने हेतु पी0सी0यू0 शिथिलीकरण के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। ज्ञातव्य है कि जनपद अयोध्या में भावी मन्दिर निर्माण के दृष्टिगत शीर्ष प्राथमिकता पर कराये जाने वाले कार्यांे में अयोध्या बिल्लहरघाट मार्ग (ए0बी0 बंधा मार्ग) अत्यन्त महत्वपूर्ण मार्ग है। यह मार्ग पौराणिक स्थान सहित अनेक तीर्थ स्थल को जोड़ता है। सामान्य दिनों में भी अयोध्या में नागरिकों का आवागमन बराबर बना रहता है। मार्ग के बन जाने से निर्माणाधीन थीम पार्क, अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड अयोध्या, प्रस्तावित 251 मी0 ऊंची भगवान श्रीराम जी की मूर्ति, प्रस्तावित नव्य अयोध्या एवं प्रस्तावित होटलों के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण मार्ग होगा।
मंत्रिपरिषद ने अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग के प्रस्तावित मया बाजार 04 लेन बाईपास (लम्बाई 3.00 कि0मी0) के निर्माण/नवनिर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसकी लागत 6070.96 लाख रुपये है। ज्ञातव्य है कि इस बाईपास के बन जाने से बहराइच-अयोध्या-आजमगढ़ मार्ग के स्वीकृत 04 लेन मार्ग से गुजरने वाले भारी वाहन प्रस्तावित 04 लेन बाईपास से होकर जाएंगे, जिससे अयोध्या से आजमगढ़, मऊ, वाराणसी, बलिया आदि स्थानों को जाने वाले भारी वाहनों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी एवं जनपद का सर्वांगीण विकास होगा। मंत्रिपरिषद ने जनपद मथुरा में कोसी-नन्दगांव-बरसाना-गोवर्धन-सौंख-मथुरा एवं मथुरा राया (यमुना एक्सप्रेस-वे मार्ग तक) तक मार्ग (लम्बाई 82.775 कि0मी0) के 02 लेन विद पेव्ड शोल्डर के साथ चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित पुनरीक्षित लागत 29488.89 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि प्राचीन नगरी मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की जन्म स्थली के रूप मंे देश-विदेश में प्रसिद्ध है। इसी नगरी के आस-पास अन्य प्राचीन स्थल वृन्दावन, गोकुल, गोवर्धन, बरसाना आदि स्थान है, जहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाएं दिखाई। इस मार्ग के निर्माण हो जाने से इन प्राचीन स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालु/तीर्थयात्रियों तथा क्षेत्रीय जनमानस को आवागमन में सुविधा होगी।
मंत्रिपरिषद ने अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग में प्रस्तावित अम्बेडकरनगर बाजार 04 लेन बाईपास (लम्बाई 12.30 कि0मी0) के निर्माण/नवनिर्माण एवं इस परियोजना की लागत 25158.59 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है। ज्ञातव्य है कि प्रस्तावित बाईपास बहराइच-अयोध्या-अकबरपुर मार्ग के चैनेज 170.600 से निकलकर अकबरपुर गोहनिया मार्ग (अन्य जिला मार्ग) एवं अकबरपुर, इल्तिफातगंज मार्ग एवं टाण्डा-बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-232 को क्राॅस करते हुए पुनः बहराइच-अयोध्या-आजमगढ़ मार्ग के चैनेज 181.500 पर मिलेगा। इस मार्ग के बन जाने से बहराइच-अयोध्या-आजमगढ़ मार्ग के स्वीकृत 04 लेन मार्ग से गुजरने वाले भारी वाहन, प्रस्तावित 04 लेन बाईपास से होकर जाएंगे। इससे अयोध्या से आजमगढ़, मऊ, वाराणसी, बलिया आदि स्थानों को जाने वाले भारी वाहनों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी एवं जनपद का सर्वांगीण विकास होगा।
मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री की घोषणा से आच्छादित कौशाम्बी पर्यटन स्थल को जनपद प्रयागराज मुख्यालय वाया एयरपोर्ट से 04 लेन से जोड़ने का कार्य (लम्बाई 42.06 कि0मी0) की व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 80893.85 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि जनपद कौशाम्बी के पर्यटन स्थल में बौद्ध एवं जैन धर्म के अनुयायियों को आवागमन बहुतायत में होता है। कौशाम्बी पर्यटन स्थल में सारनाथ, लुम्बिनी, गया, कुशीनगर, श्रावस्ती, पटना एवं कम्बोडिया, श्रीलंका आदि से आने वाले पर्यटक बस/रेल/वायुयान से प्रयागराज होकर जाते हैं। पर्यटन/कुम्भ मेला के दृष्टिगत प्रयागराज सिविल एयरपोर्ट/प्रयागराज रेलवे जंक्शन से जोड़ने वाला न्यूनतम दूरी का मार्ग वर्तमान में 02 लेन है। वर्तमान मंे मार्ग के इस संरेखण से ही बौद्ध भिक्षुओं का आवागमन कौशाम्बी पर्यटन स्थल तक होता है। जनपद प्रयागराज एयरपोर्ट से 04 लेन मार्ग से जोड़े जाने से पर्यटकों को सुगम एवं सुरक्षित यातायात उपलब्ध होगा। पर्यटन की सम्भावनाओं को देखते हुए यह अत्यन्त उपयोगी होगा।
मंत्रिपरिषद ने जनपद लखीमपुर खीरी में लखीमपुर से दुधवा राष्ट्रीय पार्क तक के मार्ग (राज्य राजमार्ग) का 02 लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित पुनरीक्षित लागत 26544.47 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।ज्ञातव्य है कि प्रस्तावित परियोजना के अन्तर्गत लखीमपुर-बिहुआ-भीरा-पलिया-दुधवा-गौरीफण्टा (राज्य मार्ग संख्या-90) के चैनेज 0.00 से 55.920 तथा चैनेज 57.00 से 64.00 तक एवं सिसैया-धौरहरा-निघासन-पलिया-धनौराघाट-पूरनपुर मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-101) के चैनेज 82.65 से 83.38 तक का भाग आता है। इस मार्ग का 02 लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) में चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण हो जाने से यातायात में सुविधा के साथ समय की बचत होगी, जिससे पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होगी एवं जनपद लखीमपुर खीरी में दुधवा के आस-पास के पूरे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा।
मंत्रिपरिषद ने जनपद प्रयागराज में जी0टी0 रोड से प्रयागराज-वाराणसी मार्ग (एस0एच0-106) के चैनेज 219.50 से चैनेज 242.60 (लम्बाई 22.40 किमी0) के 04 लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 29404.14 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि जनपद वाराणसी, चन्दौली, मीरजापुर से लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, चित्रकूट आदि जनपदों को आने जाने वाले समस्त वाहन प्रयागराज होते हुए इसी मार्ग से गुजरते हैं। इसके कारण इस मार्ग पर यातायात अधिक रहता है, परन्तु मार्ग की वर्तमान चैड़ाई कम होने के कारण यातायात में वाहनों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त प्रयागराज में लगने वाले प्रतिवर्ष माघ मेला, प्रति 06 वर्ष पर कुम्भ तथा प्रति 12 वर्ष में महाकुम्भ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। प्रश्नगत मार्ग के 04 लेन में बन जाने के उपरान्त जनपद प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालुओं एवं आम जनमानस को यातायात में सुगमता होगी तथा क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।
राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ की स्थापना के लिए जनपद आजमगढ़ की तहसील सदर के ग्राम असपालपुर व आजमबांध में दर्ज कुल 20.00 हे0 पशुचर की भूमि की श्रेणी परिवर्तित कर निःशुल्क उच्च शिक्षा विभाग के नाम आवंटित कराने एवं इस भूमि के बदले में राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ की स्थापना हेतु ग्राम मोहब्बतपुर व महलिया तथा दौलतपुर में आवंटित/क्रय की गयी 21.0637 हे0 भूमि को पशुचर की श्रेणी में परिवर्तित करते हुए विनिमय का प्रस्ताव अनुमोदित मंत्रिपरिषद ने राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ की स्थापना के लिए जनपद, आजमगढ़ की तहसील सदर के ग्राम असपालपुर में खाता संख्या-385 व आजमबांध में खाता संख्या-231 पर दर्ज कुल 20.00 हे0 पशुचर की भूमि की श्रेणी परिवर्तित कर उसे निःशुल्क उच्च शिक्षा विभाग के नाम आवंटित कराये जाने एवं इस भूमि के बदले में राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ की स्थापना हेतु ग्राम मोहब्बतपुर व महलिया तथा दौलतपुर में आवंटित/क्रय की गयी 21.0637 हे0 भूमि (15.589 हे0 ग्राम सभा की तथा 5.4747 हे0 कृषकों से 15,66,41,558.00 रुपये में क्रय की गई भूमि) को पशुचर की श्रेणी में परिवर्तित करते हुए विनिमय के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि जनपद आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आयुक्त आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ द्वारा तहसील सदर के ग्राम मोहब्बतपुर, महलिया व दौलतपुर में भूमि पुनग्र्रहीत/क्रय की गयी थी। जनहित में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उक्त चिन्हित स्थल को परिवर्तित करते हुए ग्राम असपालपुर व आजमबांध, तहसील सदर, आजमगढ़ में उलब्ध पशुचर की 20 हे0 भूमि पर किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना हो जाने पर जनपद आजमगढ़ एवं आस-पास के जनपदों के छात्र-छात्राओं को बेहतर उच्च शिक्षा प्रदान की जा सकेगी। मंत्रिपरिषद ने राजकीय मेडिकल काॅलेज, अमेठी के निर्माण हेतु व्यय वित्त समिति द्वारा मूल्यांकित लागत 292.5668 करोड़ रुपये, जो 200 करोड़ रुपये से अधिक है, को अनुमोदित कर दिया है। साथ ही, मंत्रिपरिषद द्वारा प्रायोजना मंे प्राविधानित कार्य एवं प्रयुक्त उच्च विशिष्टियां यथा-एच0वी0ए0सी0 आदि के प्रयोग को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
भारत सरकार द्वारा जनपद-अमेठी में जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल काॅलेज की स्थापना हेतु चयन किया गया है। जिला चिकित्सालय, अमेठी को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल काॅलेज की स्थापना हेतु ग्राम तिलोई, परगना-मोहनगंज, तहसील-तिलोई में 1.5780 हेक्टेयर (3.899 एकड़) भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग के नाम दर्ज हो गयी है। वित्त (आय व्ययक) अनुभाग-2 के शासनादेश दिनांक 13.12.2019 में प्राविधानित व्यवस्था के क्रम में राजकीय मेडिकल काॅलेज, अमेठी के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये डी0पी0आर0 की अनुमानित लागत 319.2770 करोड़ रुपये को व्यय वित्त समिति की दिनांक 22.03.2021 को सम्पन्न बैठक में अनुमानित लागत 319.2770 करोड़ रुपये के सापेक्ष 292.5668 करोड़ रुपये कतिपय शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन अनुमोदित की गयी। प्रश्नगत प्रायोजना की लागत 200.00 करोड़ रुपये से अधिक होने तथा उच्च विशिष्टियों के दृष्टिगत सम्पूर्ण प्रायोजना पर मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त किये जाने का परामर्श दिया गया है। इस परामर्श तथा वित्त (आय-व्ययक) अनुभाग-2 के शासनादेश दिनांक 26.08.2014 के क्रम में प्रश्नगत प्रायोजना हेतु व्यय का प्रस्ताव 200.00 करोड़ रुपये से अधिक होने के दृष्टिगत मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त किया गया। जनपद अमेठी में मेडिकल काॅलेज की स्थापना से जनपद के निवासियों सहित निकटवर्ती जनपदों के लोग भी लाभान्वित हो सकेंगे।
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा के अन्तर्गत 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल के निर्माण कार्यों की पुनरीक्षित प्रायोजना हेतु 48988.61 लाख रुपये के व्यय सहित सम्पूर्ण प्रायोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही, पुनरीक्षित प्रायोजना में टेराकोटा क्लेडिंग, वुडेन फ्लोरिंग, ग्रेनाइट, विनायल फ्लोरिंग वाल पैनलिंग, ग्लास पैस फिटिंग, जी0आई0 मेटल सीलिंग, मिनरल फाइबर एकास्टिकल सस्पेन्डेड सीलिंग, 12 एम0एम0 थिक टफेण्ड ग्लास, नान माड्यूल फ्लाईएश लाइम ब्रिक्स, बेड हेड पैनल, एल0ई0डी0 सर्कुलर सिलिड्रिकल सरफेस माउण्टेड डाउन लाइट-1000 एल0एम0, 1800 एल0एम0, 54 वाट टू टी-5 फ्लोरसेन्ट लैम्प, 15.5 वाट एल0ई0डी0 बोलार्ड, एल0ई0डी0 ल्यूमनियर, फ्लैन्ज माउण्टेड 06 मी0 एवं 08 मी0 ऊँचा हाटडिब्ड ग्लैवनाज्ड पी0यू0 कोटेड, एल0ई0डी0 लाइट उच्च विशिष्टियों के प्रयोग के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।
जनता को उच्च कोटि की विशिष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा में वर्ष 2014 में 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल की स्थापना का निर्णय लिया गया। इस प्रायोजना की मूल लागत 33356.43 लाख रुपये थी। इस परियोजना का प्रथम पुनरीक्षण वर्ष 2016 में हुआ था, जिसमें इसकी लागत बढ़कर 46328.29 लाख रुपये हो गयी। पुनः वर्ष 2018 में प्रयोजना की लागत 53726.45 लाख रुपये संशोधित की गयी। संशोधित लागत काफी अधिक थी, जिसके कम में प्रायोजना को जनोपयोगी बनाये जाने हेतु दिनांक 25.03.2019 को एक समिति का गठन किया गया। समिति द्वारा दी गयी संस्तुतियों के आधार पर प्रायोजना का पुनः परीक्षण किया गया, जिसके आधार पर प्रायोजना की लागत 53726.45 लाख रुपये से घटकर 48988.61 लाख रुपये हो गयी है, जिसे मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रयोजना में उच्च विशिष्टियों के प्रयोग पर भी मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। इस प्रायोजना के पुनरीक्षण के उपरान्त इसे कम धनराशि में जनोपयोगी बनाया जा सकेगा। साथ ही, जनता को उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा में उच्चस्तरीय/सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय स्तर पर सुपर स्पेशियलिटी के अन्य पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जा सकेंगे।
मंत्रिपरिषद ने मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद परिसर में मल्टीलेवल पार्किंग एवं एडवोकेट चैम्बर्स के निर्माण हेतु द्वितीय पुनरीक्षित लागत 640.37 करोड़ रुपये की लागत को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद द्वारा प्रश्नगत परियोजना में किसी भी प्रकार के परिवर्तन/संशोधन होने पर निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदन प्रदान कर दिया है। ज्ञातव्य है कि मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद परिसर में मल्टीलेवल पार्किंग एवं एडवोकेट चैम्बर्स के निर्माण कार्य की लागत 50 करोड़ रुपये से अधिक होने के कारण लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। प्रायोजना का कार्य ई0पी0सी0 मोड पर कराया जाना है।
मंत्रिपरिषद ने वर्ष 2021-22 (01 जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 तक) हेतु उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक को ओवर आॅल गारण्टी की सीमा को कतिपय शर्ताें एवं प्रतिबन्धों के अधीन स्वीकृति प्रदान कर दी है।उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0, लखनऊ के ऋण अथवा अन्य प्रकार से पुनर्वित्त आहरण के मूलधन के प्रतिदान तथा उनकी परिपक्वता तिथि तक ब्याज के भुगतान के लिए नाबार्ड के पक्ष में दी जाने वाली गारण्टी की अधिकतम सीमा वर्ष 2021-22 (01 जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 तक) के लिए 800 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। साथ ही, निबन्धक सहकारी समितियां उत्तर प्रदेश को पूर्व निर्धारित शर्ताें पर वर्ष 2021-22 (01 जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 तक) 400 करोड़ रुपये की सीमा तक ऋण अथवा अन्य प्रकार से पुनर्वित्त आहरण की स्वीकृति देने का अधिकार प्रदान किया गया है। ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0, लखनऊ द्वारा कृषकों को दीर्घकालीन ऋण प्रदान करके उनकी सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान किया जाता है।
ऋण वितरण हेतु बैंक के पास स्वयं के निजी संसाधन पर्याप्त न होने के कारण नाबार्ड से ऋण के रूप में धनराशि प्राप्त करने हेतु शासन की प्रत्याभूति प्रदान की जाती है। नाबार्ड द्वारा बैंक को यह वित्तीयन प्रदान करने के पूर्व उ0प्र0 शासन से शासकीय गारण्टी निर्गत किये जाने की अपेक्षा की जाती है।उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 द्वारा सभी विनियोजकों को भुगतान किया जा रहा है। बैंक पर कोई बकाया नहीं है। प्रस्तावित निर्णय से बैंक को नाबार्ड से पुनर्वित्त (रिफाईनेन्स) प्राप्त होगा और बैंक द्वारा प्रदेश के कृषकों को दीर्घ अवधि का कृषि व अन्य कार्यों हेतु ऋण प्रदान किया जायेगा, जिससे कृषकों द्वारा परिसम्पत्तियों का सृजन करने से उनकी आर्थिक दशा में सुधार होने के साथ-साथ कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी एवं प्रदेश के कृषकों विशेष तौर से लघु व सीमान्त कृषकों को सीधा लाभ होगा।
उ0प्र0 लोक सेवाओं में दिव्यांगजन को समूह ‘क’ ‘ख’ ‘ग’ एवं ‘घ’ में 04 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित करने हेतु पदों के पुनर्चिन्हांकन के सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश लोक सेवाओं में दिव्यांगजन को समूह ‘क’ ‘ख’ ‘ग’ एवं ‘घ’ में 04 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित करने हेतु पदों के पुनर्चिन्हांकन तथा पदों के चिन्हांकन हेतु नवीन शासनदेश निर्गत करते समय पूर्व शासनादेश संख्या-35/65-3-11-78/99, दिनांक 13 जनवरी, 2011 को अवक्रमित करने तथा समस्त विभागों के शेष सभी पद दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 की धारा-34 के परन्तुक के अन्तर्गत दिव्यांगजन के आरक्षण से उन्मोचित समझे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद ने चिन्हांकन हेतु भविष्य में संशोधन करने का अधिकार मुख्यमंत्री को प्रतिनिधानित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि विकलांगजन (समान अवसर, अधिकार संरक्षण एवं पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 में 07 प्रकार की दिव्यांगताएं परिभाषित थीं। तत्क्रम में राजकीय सेवाओं में दिव्यांगजन की श्रेणी क्रमशः (1) दृष्टिहीनता या कम दृष्टि, (2) श्रवण ह्रास एवं (3) चलन क्रिया सम्बन्धी दिव्यांगता या प्रमस्तिष्कीय अंगघात को 03 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण उपलब्ध था। इस आरक्षण को लागू किये जाने हेतु प्रत्येक स्थापन में पदों का चिन्हांकन वर्ष 2011 में किया गया था। वर्ष 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 पारित हुआ, जिसमें दिव्यांगजन हेतु 03 प्रतिशत के स्थान पर 04 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण प्राविधानित किया गया एवं दिव्यांगताएं 07 प्रकार से बढ़ाकर 21 प्रकार की कर दी गई हैं।
मंत्रिपरिषद ने राज्य सरकार द्वारा अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों एवं राजकीय संस्कृत विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021-22 एवं 2022-23 (ग्रीष्मावकाश की अवधि को छोड़कर) अथवा नियमित चयनित शिक्षक के आने तक जो भी पहले हो, नितान्त अस्थायी रूप से मानदेय पर शिक्षकों की व्यवस्था किए जाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने एवं पठन-पाठन की सुचारु व्यवस्था हेतु लिया गया है। मानदेय पर शिक्षकों की व्यवस्था किये जाने हेतु जनपद स्तर पर सम्बन्धित संस्कृत अशासकीय माध्यमिक विद्यालय के प्रबन्धक की अध्यक्षता में चयन समिति का गठन किया गया है, जिसमें सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी, सम्बन्धित जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक, सम्बन्धित मण्डल के उप निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी द्वारा नामित 02 विशेषज्ञ शामिल होंगे। मानदेय पर नियुक्त हेतु चयन समिति में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी द्वारा नामित विशेषज्ञों द्वारा परम्परागत विषय के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार संस्कृत भाषा में ही लिया जायेगा। चयन हेतु शैक्षिक पृृष्ठभूमि से 120 अंक एवं साक्षात्कार से 80 अंक प्रदान किये जायेंगे। पूर्व मध्यमा स्तर हेतु शिक्षण कार्य 12,000 रुपये प्रतिमाह तथा उत्तर मध्यमा स्तर हेतु शिक्षण कार्य पर 15,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। इस चयन में राज्य सरकार की विद्यमान आरक्षण नीति के अनुरूप नियमानुसार आरक्षण देय होने का प्राविधान किया गया है।
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राज्य के ऐसे अन्त्योदय कार्डधारक परिवार जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में से किसी भी योजना से आच्छादित नहीं हैं और जिनकी अनुमानित संख्या 40 लाख है, को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह निर्णय भी लिया गया है कि अन्त्योदय कार्डधारक परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल किये जाने पर इस योजना हेतु आवंटित बजट से अधिक सम्भावित व्यय होने की स्थिति में अनुपूरक मांग पत्र के माध्यम से अतिरिक्त बजट आवंटित किया जाए। मंत्रिपरिषद ने भविष्य में इस योजना में किसी भी प्रकार के परिवर्तन/परिवर्धन की आवश्यकता होने पर, इसके लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। इस निर्णय से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े अन्त्योदय कार्डधारक परिवार को बीमारी की स्थिति में होने वाले व्यय से सुरक्षा मिलेगी। अंत्योदय कार्डधारक परिवार इस निर्णय से सीधे लाभान्वित होंगे।‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ एवं ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना’ समाज के वंचित एवं गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के उद्देश्य से संचालित की जा रही हैं, जिसमें चिन्ह्ति परिवारों को योजनान्तर्गत आबद्ध निजी एवं राजकीय चिकित्सालयों में प्रति परिवार प्रतिवर्ष 05 लाख रुपए तक की निःशुल्क चिकित्सा उपचार की सुविधा प्राविधानित है।
ग्राम सलावा तहसील सरधना, जनपद मेरठ में उपलब्ध रकबा 23.747 हे0 भूमि, जो सिंचाई विभाग के स्वामित्व की वन संरक्षित भूमि पर स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी की स्थापना हेतु किए जाने के प्रस्ताव पर मा0 मंत्रिपरिषद द्वारा दिनांक 25 जनवरी, 2021 को अनुमोदन प्रदान किया गया है। स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी के विस्तार, उच्चीकृत अवस्थापनाओं के मद्देनजर जनपद मेरठ की तहसील सरधना के ग्राम सलावा व कैली में उपलब्ध सिंचाई विभाग के स्वामित्व की वन संरक्षित भूमि रकबा 36.9813 हे0 पर यूनिवर्सिटी की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। उक्त भूमि पर अवस्थित भवनों की प्रतिपूर्ति एवं उनके वैकल्पिक स्वरूप हेतु लगभग 03 करोड़ रुपए सिंचाई विभाग को दिया जाना है एवं उक्त भूमि वन संरक्षित होने के कारण उक्त भूमि पर निर्माण कार्य की अनुमति हेतु वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण हेतु भूमि व कुछ निर्धारित शुल्क दिया जाना होगा। खेल विभाग उक्त प्रस्तावित भूमि के बदले जनपद मेरठ के हस्तिनापुर पाण्डवान की भूमि लगभग 40 हे0 भूमि, जो सेंक्चुरी क्षेत्र में खेल विभाग के स्वामित्व में है, वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण हेतु उपलब्ध कराएगा एवं उक्त लगभग 40 हे0 भूमि पर क्षतिपूर्ति वनीकरण हेतु निर्धारित धनराशि जो भी होगी खेल विभाग द्वारा वह धनराशि वन विभाग को उपलब्ध करा दी जाएगी।
खेलों के विकास एवं उदीयमान खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश में स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी स्थापित किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें फिजीकल एजुकेशन, हैल्थ एण्ड एप्लाइड स्पोट्र्स साइंसेज, स्पोट्र्स मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी स्पोट्र्स कोचिंग, स्पोट्र्स जर्नलिज्म एण्ड मॉस मीडिया टेक्नोलॉजी, एडवेन्चर स्पोट्र्स एण्ड यूथ अफेयर्स विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, जिनके अन्तर्गत निर्धारित पाठ्यक्रमों द्वारा स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, एम0 फिल0 तथा पी0एच0डी0 तक की शिक्षा की सुविधा होगी। उत्तर प्रदेश स्टेट स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी की स्थापना का उद्देश्य प्रदेश में खेल संस्कृति तथा उत्कृष्टता लाना है। फिजिकल एप्टीट्यूूड, स्किल्स व खेलों में रिकॉर्ड स्थापित करने तथा पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों को खेल की व्यावहारिक आधारित (प्रैक्टिकल बेस्ड) शिक्षा प्रदान करना है, जिससे खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त कर सकें। यह विश्वविद्यालय एक शिक्षण तथा एफिलिएटिंग विश्वविद्यालय होगा। इस विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स सम्बन्धित विषय में सैद्धान्तिक (थ्योरी) व प्रायोगिक (प्रैक्टिकल) पेपर्स का विषय ज्ञान के आधार पर डिग्री दी जायेगी। स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी की स्थापना में अनुमानित लागत 700 करोड़ रुपये आयेगी। इस परियोजना में केन्द्र सरकार का कोई व्यय भार नहीं है। स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी की स्थापना से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार प्राप्त होगा तथा खिलाड़ियों की कोचिंग से भविष्य में रोजगार के अवसर प्राप्त होगे।