उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जिन्दा जलाने के किये गये प्रयास की घटना निंदनीय - लल्लू


लखनऊ । उन्नाव के बिहार थानान्तर्गत हिन्दूनगर गांव की महिला के साथ मार्च माह 2019 में हुए बलात्कार के आरोपियों द्वारा जेल से छूटने के बाद कल पेट्रोल डालकर दुष्कर्म पीड़िता को जिन्दा जलाने के किये गये प्रयास की घटना की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने घोर निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश में पूरी तरह जंगलराज कायम हो गया है। उन्होने कहा कि एक तरफ केन्द्रीय गृह मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री अपराध के कम होने का झूठा दावा करते हैं और एक दूसरे की पीठ थपथपाते हैं और उ0प्र0 के पुलिस महानिदेशक आंकड़ों की बाजीगरी करते हुए कहते हैं कि अपराध कम हो गया है जबकि हकीकत यह है कि उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन हत्या और बलात्कार की घटनाएं उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही हैं और एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उ0प्र0 महिला अपराधों के मामलों में पूरे देश में नम्बर एक स्थान पर पहुंच गया है, यह बहुत ही शर्मनाक है।
उन्नाव रेप पीड़िता को पेट्रोल डालकर जलाये जाने के प्रयास के तहत 90 प्रतिशत शरीर के हिस्से जल जाने से लखनऊ के सिविल हास्पिटल में जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रही पीड़िता का हाल-चाल लेने एवं उनके परिवारीजनों से मिलने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सिविल हास्पिटल पहुंचे। बर्न यूनिट के गेट पर मौजूद पुलिस प्रशासन द्वारा रोके जाने पर उन्होने मौजूद चिकित्सकों से पीड़िता के हालात के बारे में जानकारी हासिल की और बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान किये जाने हेतु चिकित्सकों से चर्चा की। उन्होने वहां पर मौजूद पुलिस के आला अधिकारियों से रोष व्यक्त करते हुए कहा कि घटना के विवेचक ने किसके दबाव में कमजोर विवेचना के माध्यम से आरोपितों को जेल से छूटने में मदद प्रदान की? आखिर अपराधी बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के मामले में इतनी जल्दी कैसे जेल से छूट जाते हैं? क्या इन अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त नहीं था? परिवारीजनों से मिलने की बात पर पुलिस अधिकारियों ने उनके वहां पर न होने की बात बतायी। यह भी स्वयं में एक बड़ा प्रश्न खड़ा करती है?
इसके पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के निर्देश पर उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस की मध्य जोन की अध्यक्ष ममता चौधरी पार्षद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सिविल हास्पिटल पीड़िता का कुशलक्षेम लेने पहुंचीं किन्तु प्रतिनिधिमंडल को पुलिस प्रशासन द्वारा मिलने से रोक दिया गया। प्रतिनिधिमंडल में श्रीमती चैधरी के साथ आरती बाजपेयी, सुशीला शर्मा, संगीता सिंह, मधु मिश्रा, लता दुबे, माया चैबे एवं कमलेश कुमारी शामिल रहीं।


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