छोटे उद्दमियों से बढा उतर प्रदेश का निर्यात- योगी आदित्यनाथ


लखनऊ | हुनर हाट का उद्दघाटन करते हुए उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परम्परागत उद्दोगों के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाए निहित है और अगर इसे शासन का सहयोग मिले तो निर्यात में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है उन्होंने कहा  कि वर्ष 2018-19 में जब देश का कुल निर्यात 8 प्रतिशत था उतर प्रदेश का निर्यात 28 प्रतिशत था ।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से 24 जनवरी 2018 को प्रदेश सरकार ने एक जिला एक उत्पाद योजना शुरु की थी । दो वर्षो के दौरान ही इस योजना के तहत परम्परागत कारीगरों ने महत्वपूर्ण कार्य किया और आज इसके पास एक बडा बाजार उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उतर प्रदेश में परम्परगात उद्दोगों की समृद्दि विरासत रही है किंतु शासन की उपेक्षा से यह क्षेत्र बेहाल था ।प्रदेश सरकार ने न केवल परम्परागत उद्दोगों को बढावा दिया बल्कि इसको सब्सिडी ,मार्केटिंग और मैपिंग का भी सहयोग प्रदान किया । इसीसे आज उतर प्रदेश में आज परम्परागत उद्दोग तेजी से फल फूल रहे है। उन्होंने कहा कि बडे उद्दोगों के लिए बड़े निवेश की ज़रुरत होती है तथा एक बड़ा बुनियादी ढांचा चाहिये होता है लेकिन छोटे परम्परागत उद्दोग कम पूंजी में ही विकसित होते है और बगैर किसी खास बुनियादी ढांचे के आम तौर पर घर के स्तर पर ही काम करते रहते हैं ।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार में एसे छोटे कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए 2019 में ‘’विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’’ शुरु की ।इसके तहत कारीगरों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाता है प्रशिक्षण के दौरान उन्हें मानदेय दिया जाता है और प्रशिक्षण के बाद प्रमाणपत्र दिया जाता है जिससे उनकी कला को पहचान मिलती है । उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार माटी कला बोर्ड को प्रोत्साहित कर पर्यावरण संतुलन के लिए कार्य कर रही है ।अप्रैल से जून तक कुम्हारों को गांव के तालाब से मुफ्त मिट्टी लेने की अनुमति होती है इससे एक ओर तालाब गहरे होते है जिससे जल संचयन को प्रोत्साहन मिलता है वही कुम्हारों को भी मुफ्त में मिट्टी मिल जाती है।सरकार कुम्हारों को सौर्य और बिजली चालित चाक भी रियायती दर पर मुहैया कराती है ।इससे प्लास्टिक मुक्त उतर प्रदेश बनाने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम में उल्लेखनीय काम करने वाले कारीगरों को सरकार की ओर से पुरुस्कार की भी व्यवस्था है ।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के इन्हीं प्रयासो से पिछले वित्तीय वर्ष में मुरादाबाद से 6 हजार करोड़ रुपये और भदोही से चार हजार करोड़ रुपये का निर्यात संभव हुआ ।उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि लखनऊ में वर्ष भर एक जिला एक उत्पाद की प्रदर्शनी चली ।उनका प्रयास होगा कि हर राज्य भी एक एक शोरुम लेकर यहां पर अपने परम्परागत उत्पाद देखें।विदेशो के भी उद्दमी अगर इसेमें शामिल होना चाहेंगे तो सरकार उसकी मदद करेगी।  



केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनर हाट के आयोजन से परम्परागत ढंग से काम करने वाले कारीगरों को बाजार मिलता है ।उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य एसे उद्दोगों को बढावा देकर दुनिया के स्तर पर मार्केटिंग करना है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि विरासत को संजोने वाले इन कारीगरों को दुनिया के स्तर पर सामने लाया जाए।उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से आज परम्परागत दस्तकार बेहतर स्थिति मे है और भारत के उत्पादों की पहचान दुनिया में बनी है । इन्ही दस्तकारो की बदौलत देश के कुल निर्यात में भी इजाफा हुआ है ।



 केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से उतर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है।परम्परागत कारीगरों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित इस हुनर हाट में न केवल कारीगर अपने उत्पादों को बेचेंगें बल्कि यहां पर इसका उत्पादन भी करेंगे । गौरतलब है कि पिछले तीन वर्षों में पूरे देश के विभिन्न शहरों में अब तक इस प्रकार के 16 हुनर हाट लगाये जा चुके है।आज ही लखनऊ और हैदराबाद में एक साथ दो हुनर हाटों का उद्घाटन हो रहा है। 21 जनवरी तक चलने वाले इस लखनऊ हुनर हाट में विभिन्न राज्यो से आये 131 कारीगर हिस्सा ले रहे है।


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