समाज को एक सच्चे इतिहास की आवश्यकता है - हृदय नारायण दीक्षित


लखनऊ | नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 123वीं जयंती के अवसर पर नेताजी सुभाष सेवा संस्थान के तत्वावधान में किंगजाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्राउन हाॅल में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जयंती समारोह का आयोजन किया गया।इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, मा0 विधानसभा अध्यक्ष, उत्तरप्रदेश हृदय नारायण दीक्षित ने कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों, छात्र-छात्राओं एवं अन्य लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे सामने एक उभरता हुआ भारत है और इसके कई आयाम हैं।उन्होंने कहा कि आज का भारत हमारे पूर्वजों के सचेत एवं अचेत कर्मो का परिणाम है।



विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत ही नहीं दुनिया के प्रत्येेक राष्ट्र को भविष्य की रणनीति बनाते हुए अपने वास्तविक इतिहास की आवश्यकता होती है।इससे पूर्व में हुई गलतियों के बारे जानकारी होती है और वर्तमान में उन्हे सुधारने का प्रयास किया जाता है।उन्होंने कहा कि पूर्व में भारत का इतिहास लिखने वाले बुद्धिजीवों ने उसमें अपने विचारों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें ऊपर रखा तथा तथ्यों को विशेष तरजीह न देते हुए उन्हें नीचे रखा।उन्होंने कहा कि आज एक समाज को एक सच्चे इतिहास की आवश्यकता है तभी युवा पीढ़ी को नेताजी के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी और वह उससे प्रेरणा ले सकेंगेें।
मा0 विधानसभा अध्यक्ष जी ने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को इतिहास पुरूष बताते हुए कहा कि ऐसे महापुरूषों की पीछे ही इतिहास चलता है।इसके साथ ही उन्होंने भारत की सांस्कृतिक, रीतिरिवाजों, शैक्षणिक, महापुरूषों आदि के इतिहास को ठीक ढंग से लिखे जाने की मांग करते हुए कहा कि इससे नेताजी सहित अन्य महापुरूषों के बारे में नई पीढ़ी सही से समझ पाएगी और उनसे प्रेरणा लेगी।



इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री, उत्तरप्रदेश सरकार स्वामीप्रसाद मौर्य ने नेताजी के तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हे आजादी दूंगा के नारे को दोहराते हुए कहा कि यह महज नेताजी का नारा नहीं था बल्कि भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के प्रति मजबूत इरादे थे और इन्हीं मजबूत इरादों के साथ उन्होंने अंग्रेजो से हर मोर्चे पर मुकाबला किया।उन्होंने नेताजी सहितअन्य महापुरूषों द्वारा देश के लिए दी गई कुर्बानी से युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेने की अपील की।
उक्तकार्यक्रम में न्याय मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार बृजेश पाठक ने कहा कि जिस समय भारत अंग्रेजो की गुलामी में था उस समय ऐसी लड़ाई की परिकल्पना करना नेताजी के अतिरिक्त कोई नहीं कर सकता था उस समय यह कार्य नामुमकिन था।उन्होंने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजो के खिलाफ सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जाकर अपने प्राण दांव पर लगाए थे।उन्होंने कहा कि नेताजी के प्रतिसच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि देश सशक्त हो और विकास की राह में चले।
इस अवसर पर नेताजी सुभाष सेवा संस्थान के मुख्य संरक्षक एवं मा0 सांसद मोहनलालगंज कौशल किशोर ने भी नेताजी की जीवनी एवं उनके विचारों पर प्रकाश डालते हुए समारोह को संबोधित किया।उक्त कार्यक्रम में के0जी0एम0यू0 बाल शल्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ0 एस0 एन0 कुरील ने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि नेताजी सिर्फ भारत की आजादी नहीं बल्कि ऐसे भारत का निर्माण चाहते थे जिसमें सभी को समान अवसर प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, विधानसभा अध्यक्ष, उत्तरप्रदेश हृदय नारायण दीक्षित ने समाज में उत्कृष्ट कार्य के लिए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 एस0एन0शंखवार, प्रो0 पुष्पलता शंखवार, डाॅ0 एस0 पी0 जयसवार, डाॅ0 मनोज कुमार, डाॅ0 विजय कुमार, डाॅ0 अम्ब्रीश कुुमार, डाॅ0 प्रवेश विश्वकर्मा, डाॅ0 जे0 डी0 रावत, डाॅ0 सुमित रूंगटा, डाॅ0 धमेंद्र रावत, डाॅ0 एम0 एन0 भार्गव,फतेहबहादुर सिंह, अध्यक्ष राष्ट्रीय जनाधिकारपरिषद, राकेशकुमार, डा0 ओ0 पी0 प्रकाश, महिपाल, दिलीप शुक्ला, अशोक कुमार, जयप्रकाश, सुशील विद्यार्थी को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया।
उक्त कार्यक्रम के समापन पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एम0ए ल0 बी0 भटट् ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया तथा कार्यक्रम का कुशल संचालन, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ0 अपाला ने किया।


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