बुलंद हो हौसला तो मुट्ठी में होता है हर मुकाम


कहते हैं बुलंद हो हौसला तो मुट्ठी में हर मुकाम होता है| एक ऐसे ही मुकाम हांसिल हुआ है मधुबनी जिले के ग्राम पोस्ट रहुआ संग्राम के निवासी और अवकाश प्राप्त शिक्षक हरिश्चंद्र झा के बड़े  पुत्र डॉ अशोक अविचल को, मैथली एडवाइजरी बोर्ड के संयोजक बनने का गौरव प्राप्त हुआ है आज पूरे मधुबनी जिला को उनके इस कामयाबी पर गर्व है वैसे तो इनकी साहित्य साधना और कामयाबी की यात्रा का सफर काफी लम्बा रहा है!  मैथिली हिंदी और संथाली में 16 पुस्तकें इनके नाम से प्रकाशित हो चुके हैं | मैथिली त्रैमासी पत्रिका कचोट, झारखंडक सनेस और झारखंड वाणी हिंदी के भी संपादक रहे हैं ,फिलहाल वे मिथला सांस्कृतिक परिषद द्वारा प्रकाशित संस्कृति पत्रिका के संपादन करते हैं | इस दौरान उन्हें कई उत्कृष्ठ सम्मानों से नबाज़ा जा चुका है ! इस्पात भारती सम्मान 2013 विदूषक सम्मान और भाषा रत्न सम्मान 2014 और साहित्य सेवी सम्मान 2011 से सम्मानित किया जा चुका है | वर्तमान में वे कोल्हान विश्वविद्यालय  चाईवासा झारखंड  के कुलानुशासक और प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं | डॉ अशोक अविचल वर्तमान कार्यकारणी से पहले भी मैथली एडवाइजरी बोर्ड के 7 साल सदस्य रह चुके हैं और विश्वविद्यालय श्रेणी से डॉ जयकांत मिश्र और डॉ भीमनाथ झा के बाद जेनरल काँसिल के सदस्य बनने वाले तीसरे व्यक्ति हैं।


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