डीआरडीओ ने रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ तकनीकी विकास के समझौते पर किए हस्ताक्षर


लखनऊ | हाई एनर्जी मैटिरियल रिसर्च लेबोरेटरी (एचईएमआरएल) डीआरडीओ की प्रयोगशाला है जो मिसाइलों, रॉकेटों और बंदूकों के लिए उच्‍च शक्ति की सामग्री विकसित करने के लिए कार्य करती है।


डेफएक्‍सपो 2020 के दौरान, एचईएमआरएल, पुणे ने अत्‍याधुनिक पायरोटेक्‍नीक ज्‍वलन प्रणाली विकसित करने के लिए रूस के रोसोबोरोनएक्‍सपोर्ट के साथ तकनीकी विकास समझौते पर हस्‍ताक्षर किए।


एचईएमआरएल के निदेशक, केपीएस मूर्ति ने बताया कि इससे शक्तिशाली सामग्री और पायरोटेक्‍नीक टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में प्रगति हो सकेगी जिससे अत्‍याधुनिक ज्‍वलन प्रणाली विकसित होगी। यह उच्‍च प्रदर्शन वाली प्रोपल्‍शन प्रणालियों की भविष्‍य की जरूरतों को पूरा करेगा। उन्‍होंने बताया कि प्रोपल्‍शन प्रणालियां रॉकेटों और मिसाइलों की ताकत हैं। इस टेक्‍नोलॉजी के विकास से आगामी उत्‍पादों के लिए अत्‍याधुनिक रॉकेट मोटरों को तैयार और विकसित किया जा सकेगा। ये उत्‍पाद सुसम्‍बद्ध और ऊर्जा दक्ष प्रोपल्‍शन प्रणालियों पर आधारित होंगे।


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