पीएफआई की करतूतों पर क्यों चुप हैं अखिलेश यादव और प्रियंका वाड्रा - भाजपा


लखनऊ | भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने जिस तरह से उत्तर प्रदेश में नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ लोगों को भड़काया उसकी परत दर परत जांच में खुलती जा रही है। पीएफआई ने ही फंडिंग करके लोगों को प्रायोजित ढंग से प्रदेश में हिंसा कराई और जनता के पैसे से तैयार की गई सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों की जांच में पूरे प्रदेश से डेढ़ सौ से अधिक पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। जरा-जरा सी बात पर बयानबाजी करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका वाड्रा इस मसले पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। इससे यह साबित होता है कि राजनीतिक जमीन खो चुके इन दोनों नेताओं ने पीएफआई की कारगुजारियों पर अपनी मौन सहमति दे रखी है। सपा और कांग्रेस के नेताओं का पीएफआई से संबंध जगजाहिर हो चुका है। ये दोनों पार्टियां हर उस शख्स के साथ खड़ी दिखाई देती हैं जो समाज और देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली और प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही सरकार देश को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। पीएफआई के सदस्यों की जिस तेजी से गिरफ्तारी कर उनके नेटवर्क को खंगाला जा रहा है उससे भाजपा सरकार की देश की सुरक्षा से जुड़ी मंशा साफ जाहिर हो जाती है। देश की सुरक्षा से खेलने वालों को भाजपा सरकार नेस्तनाबूत करके रहेगी। भाजपा सरकार देश को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जा रही है और इसमें अवरोध डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। 


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