सड़कों के गढ्ढा मुक्ति के नाम पर किये जा रहे करोड़ों के भ्रष्टाचार पर लगे रोक - दीपक सिंह


विधान परिषद् उ0प्र0 काँग्रेस के नेता दीपक सिंह ने सदन में नियम 105 के अन्तर्गत् प्रदेश की खस्ता हाल सड़कों के सम्बन्ध में जनहित एवं लोकमहत्व के तात्कालिक अविलम्बिनीय विषय पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराये जाने की माँग विधान परिषद् के चेयरमेन से की। उन्होने सदन में कहा कि प्रदेश की सड़कों की हालत बहुत खस्ता है प्रदेश में भाजपा सकार के बनते ही मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रीगण प्रदेश की सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने की बात बड़े जोर-शार से कर रहे थे परन्तु गढ्ढा युक्त सड़कों के कारण जहाँ भाजपा के शुरूआती वर्ष- 2018 में 2273 मौते हुईं, वहीं अब सड़क दुर्घटनाओं का आँकड़ा 40 हज़ार के ऊपर हो गया है, फिर भी सरकार लाखों किलोमीटर सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने की बात करती है। जिससे यह प्रतीत होता है कि सरकार ने सड़कों को गढ्ढा मुक्त नहीं किया बल्कि सरकार ने भ्रष्टाचार कर प्रदेश की सड़कों को और भी गढ्ढा-युक्त कर दिया। उन्होने बताया सड़क दुर्घटनाओं में मौत के अतिरिक्त हज़ारों व्यक्ति विकलांग हो गये।श्री सिंह ने सदन को बताया कि मौजूद गढ्ढों के कारण गाड़ी चलाना मौत का कारण बना हुआ है और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। जैसे लगता है कि सरकार लाचार है। उन्होने सदन से कहा कि आने वाले बरसात के मौसम में अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो लोगों को नाव से चलना पड़ेगा। श्री सिंह ने कहा कि 03 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है और सरकार के पास अभी तक कोई ऐसी नीति नहीं है, जिनसे प्रदेश की सड़कों को गढ्ढा मुक्त किया जा सके। उन्होने सदन को बताया कि गढ्ढा-युक्त सड़कों से उन क्षेत्रों की जनता में भारी रोष व्याप्त है इसलिए, उन्होने सदन से आग्रह किया कि इस पर चर्चा अत्यन्त आवश्यक है कि जर्जर सड़ाकों की मरम्मत एवं निर्माण हेतु दी जाने वाली धनराशि को सही रूप में उपयोग ना होने एवं गढ्ढा मुक्ति के नाम पर किये जा रहे करोड़ों के भ्रष्टाचार पर कैसे रोक लगाई जाये।


 

 

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