ग्रामीण पत्रकार सबसे बड़े मददगार - मेनका गांधी


सुलतानपुर। पत्र सूचना कार्यालय,सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,भारत सरकार, लखनऊ  के तत्वाधान में एक दिवसीय 'ग्रामीण मीडिया कार्यशाला' का आयोजन किया गया। जिला पंचायत हाल में आयोजित हुई इस कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका संजय गांधी द्वारा दीप प्रज्वलन एवं राष्ट्रगान के साथ हुआ।


सांसद मेनका संजय गांधी ने कहा कि ग्रामीण पत्रकार सबसे बड़े मददगार हैं। सरकार की योजनाएं गांव-गरीब तक पहुँच रही इसमें ग्रामीण मीडिया की बड़ी भूमिका है। आप सबसे बड़ी उम्मीदें हैं। हम राजनीति में अटक जा रहे हैं विकास की बात गौण हो जाती है।


श्रीमती गांधी ने ग्रामीण पत्रकारों से आह्वान किया कि बिना लांछन के पर्सनल लड़ाई से बचकर मैं चाहती हूं कि आप लोग अच्छी स्टोरी फाइल करें। इस मौके पर उन्होंने मुद्रा योजना अंतर्गत 5 लाभार्थियों को चेक भी सौंपे।


साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया पर चर्चा के लिए पधारे पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शिवराज ने कहा कि ग्रामीण पत्रकार स्तंभ हैं। समस्याओं के निस्तारण में उनकी बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने पत्रकारों से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि घटनाओं की जानकारी पुलिस से करना आपका अधिकार है। एसपी ने कहा कि पीड़ित तीन लोग होते हैं, पुरुष, महिला,व बच्चे जिसमें महिला और बच्चों से जुड़ा मामला ज्यादा संवेदनशील है। उन्होंने साइबरवर्ल्ड के फायदे और नुकसान पर चर्चा करते हुए सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट करना चाहिए क्या नही इस पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही इधर बीच नए कानूनों एवं उनमें हुए बदलाव से भी अवगत कराया। उन्होंने भौतिक दुनिया एवं आभासी दुनिया में फर्क बताते हुए कहा कि मोबाइल में कभी कुछ डिलीट नहीं होता है, जैसे आपके दिमाग से कोई बातें डिलीट नहीं हो पाती। जागरूकता हो रही है फिर भी लोग साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं इनमें जागरूकता के लिए ग्रामीण पत्रकारों की बड़ी अहमियत है, ग्रामीण मीडिया मीडियम है।


वरिष्ठ पत्रकार राज खन्ना ने कहा कि ग्रामीण पत्रकारिता ग्राउंड जीरो की पत्रकारिता है। ग्रामीण मीडिया नींव के वे पत्थर हैं जो दिखते नहीं। जब हम पत्रकार बनते हैं तो खुद आईना बन जाते हैं। आईना बनने के साथ-साथ जिम्मेदारियां एवं चुनौतियां भी है। श्री खन्ना ने कहा कि पत्रकारिता पवित्र काम है उसे व्यापार के रूप में नहीं लिया जा सकता। ग्रामीण पत्रकारिता छोटी इकाई मानी गई है,लेकिन जिम्मेदारी बड़ी है।


आज की पत्रकारिता पेपरलेस व पेनलेस हो चुकी है। चुनौतियों का दौर है। महानगरों में बीट बंटी होती है लेकिन ग्रामीण मीडिया को सारी जिम्मेदारी एक साथ निभानी होती है। राज खन्ना ने उस दौर का जिक्र करते हुए कहा कि पहले अखबारों की नजीर दी जाती थी,आज मीडिया में पूंजी के प्रवाह के साथ पत्रकारिता का भी क्षरण हुआ है यह सच स्वीकारना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता बनाए रखने की पहली शर्त इमानदारी पूर्वक पूर्वाग्रह से मुक्त होकर कार्य करना भी होता है। पत्रकार पक्षकार नही , यह बात हमेशा ध्यान में रखनी होगी। आज बाइलाइन का दौर है। सत्य खतरों को आमंत्रित करता है। जमीनी सच गांव में है जो आप सब उजागर करते हैं उस खतरों का सामना करने के लिए तैयार रहना पड़ता है।


पत्रकार दिनेश दुबे ने भी ग्रामीण पत्रकारों की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए सवाल उठाया कि इस पर भी चर्चा होनी चाहिए कि पत्रकार कौन है। पीआईबी व दूरदर्शन के एडीजी आरपी सरोज ने ग्रामीणांचलों से आई मीडिया से केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वेब पोर्टल से जुड़े लोंगो को भी हम पत्रकार मानते हैं। श्री सरोज ने पत्रकारों के कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि दक्षिण भारत में ज्यादा पत्रकारों ने यहां की अपेक्षा फायदा उठाया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण मीडिया से वार्तालाप का उद्देश्य ही यही है कि पत्रकार केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से रूबरू हो सकें।


एक भारत,श्रेष्ठ भारत,स्वस्थ भारत की परिकल्पना पर प्रकाश डालते हुए आयुष्मान भारत पर चर्चा के लिए पधारे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सीबीएन त्रिपाठी ने विस्तार से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।


कौशल विकास पर जानकारी देते हुए जिला प्रबंधक वंदना सिंह ने एक छोटी सी कहानी के जरिए कौशल विकास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्किल डेवलपमेंट की जरूरत क्यों पड़ी वह इसलिए कि इस देश में 60 से 65% युवा हैं,उन्हें रोजगार से जोड़ने की जरूरत है।


बैंक ऑफ बड़ौदा से आए गौरव उपाध्याय ने बैंक पर द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि 13 लाख से अधिक खाते जिले में बैंक ऑफ बड़ौदा ने अकेले खोले हैं जिनके जरिये सरकार की योजनाओं का लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।


जिला प्रोबेशन अधिकारी ने भी अपने विभाग की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि 30274 पेंशन लोगों को दी जा रही है। संचालन उप निदेशक मीडिया पीआईबी डॉ श्रीकांत श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या मे पत्रकारों ने कार्यशाला में प्रतिभाग लिया।


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