लाकडाउन के चलते बीमार व्यक्ति का रायबरेली वापस आना हुआ मुश्किल


 
रायबरेली । रायबरेली शहर के निवासी एक युवक  सहकार अहमद ने किसी व्यक्ति के जरिये मुझे यह  बताया कि उसके पिता मक्सूद अहमद  को कानपुर के रीजेंसी हास्पिटल में 18 मार्च को ' Department of Cardiology Electrocardiogram ' में दिखाया गया था. 23 मार्च को उनकी आखिरी जांच हुई और 24 मार्च  को वह कानपुर में यह सोचकर रुक गए कि कोई समस्या  हो तो दिखाकर 25 मार्च को सुबह वापस रायबरेली चला जाय. 24 मार्च की मध्य रात्रि को ही लाकडाउन की घोषणा हो गई , स्वयं प्रधानमंत्री जी ने 24 मार्च को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह साफ - साफ कहा था कि यह कहने के लिए 21 दिन का लाकडाउन हैं लेकिन इसमें 22 मार्च को हुए ' जनता  कर्फ्यू ' से ज्यादा सख्ती होगी.
                   अब मक्सूद अहमद के परिजनों की समस्या यह हैं कि रायबरेली से यदि कोई गाड़ी उनको लेने कानपुर जायेगी तो चालक के साथ उनके परिवार का एक व्यक्ति भी होगा.कानपुर से आते समय मरीज को लेकर कुल 03 व्यक्ति हो जायेंगे जिससे प्रशासन के ' एक गाड़ी में केवल 02 व्यक्तियों ' के निर्देशों की अवहेलना होगी . देश के नागरिक राष्ट्र - समाज को बचाने के लिए 21 दिन का ही यह लाकडाउन नहीं बल्कि इससे भी बड़ा कोई प्रतिबन्ध लगा तो उसे स्वीकार करेंगे लेकिन सवाल यह हैं कि हृदय रोग के शिकार मरीज  मक्सूद अहमद जैसे लोगों की समस्याओं का समाधान कैसे होगा जिससे वह सकुशल वापस अपने घर आ सकें.


...नैमिष प्रताप सिंह ...


 


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