मध्यम वर्ग की भी चिंता करे सरकार

कोरोना जैसे आपदा में देश का हर वर्ग परेशान है।सरकार के रडार पर हमेशा दो वर्ग रहते हैं एक वर्ग वो जो कारपोरेट है और दूसरा वो जो गरीब है।सरकार ने इस आपदा में भी इन दो वर्गों का ख्याल किया है लेकिन तीसरा वर्ग मध्यम वर्ग को हमेशा की तरह दरकिनार कर दिया है।लॉक डाउन की स्थिति में इन मध्यम परिवारों का भी रोजगार बन्द हैं और जो नौकरीपेशा मध्यम वर्ग है वो इसी चिंता में है कि 14 अप्रैल तक लॉक डाउन है ऐसी स्थिति में उसे समय से वेतन भी नही मिल पायेगा और जो पैसा है उसी में खाना और कर्ज चुकाना भी है। सरकार को इस आपदा के बीच मध्यम वर्ग के बारे में भी सोचना चाहिए, आने वाले लगभग एक महीने के बन्द से मध्यम वर्ग के ऊपर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ने वाला है, ऐसी स्थिति में वो तमाम EMI जो बैको में देय है उनपर असर पड़ना तय है, 31 तारीख से 7 तारीख के बीच अक्सर EMI जाने की तारीख होती है जो पूरी तरह से लाकडाउन में ही पड़ेगी। अब मध्यम वर्ग भी अपने घरों में कैद है सरकारी सर्विस क्लास को छोड़ कर प्राइवेट जॉब और बिजनेस करने वालों की भी आर्थिक स्थिति पूरी तरह डवांडोल ही रहेगी। ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि वह कोई ऐसा रास्ता निकाले जिससे बैंक या अन्य संस्थाओं पर भी असर ना पड़े और मध्यम वर्ग को राहत भी मिल सके।सरकार त्वरित राहत देते हुए बैंक या क्रेडिट कार्ड आदि के EMI या भुगतान की तारीख को 14 अप्रैल के बाद वाले हफ्ते में करा दे ताकि वेतन मिलने के बाद मध्यम वर्ग आसानी से उन किस्तों को चुका सके।


जितेन्द्र झा
   


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