प्रदेश के पर्यटन स्थलों को मूलभूत सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता - राज्यपाल


लखनऊ | उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज राजभवन में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन स्थल एवं पर्यटन सर्किट के विकास एवं प्रमोशन से संबंधित योजनाओं के प्रस्तुतीकरण हेतु आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने सुझाव दिया कि आगरा के दयालबाग रोड को चैड़ा किया जाय, जिससे आवागमन सुगम हो। दयालबाग के आसपास के अतिक्रमण को हटायें और इसको आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट में रखें। उन्होंने कहा कि आगरा में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक ताजमहल देखने आते हैं। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय कि उनको दयालबाग के राधास्वामी मन्दिर भी जाने का अवसर मिले ताकि वे वहां की भव्यता और खूबसूरत नक्काशी (चित्रकारी) को भी देख सके। इससे राधा स्वामी मंदिर को भी विश्व पर्यटन मानचित्र पर उचित स्थान मिल सकेगा।
श्रीमती पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। प्रदेश के पर्यटन स्थलों को मूलभूत सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। पर्यटन निगम अपने पर्यटक आवासों को सुदृृढ़ करें ताकि वहां रूकने वाले पर्यटक गर्व महसूस करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 18-19 में 47 लाख विदेशी पर्यटक उत्तर प्रदेश में आये थे, लेकिन हमारा प्रयास एक करोड़ विदेशी पर्यटकों के आने का होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि धार्मिक पर्यटन स्थलों पर वृद्धों के आने-जाने की सुविधा के लिए ई-रिक्शा या बैट्री चालित वाहन की व्यवस्था की जाये, जिससे वृद्धों को ज्यादा दूर तक पैदल न चलना पड़े। उन्होंने कहा कि मथुरा के गोवर्द्धन परिक्रमा स्थल पर वृद्धों के लिए गोल्फ कार्ट व ई-रिक्शा की सुविधा उपलब्ध कराई जाये। 
राज्यपाल ने कहा कि वाराणसी के घाटों की सीढ़ियों के स्टेप ऊंचे हैं, जिससे वृद्धों को नदी स्नान में कठिनाई होती है। इनके लिए वहां रैम्प की व्यवस्था उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि इसके साथ ही नदी में नावों से घूमने वालों को घाटों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है कि वे किस घाट पर खड़े हैं। इसके लिये वहां घाटों के नाम लिखें। ग्लोसाइन बोर्ड की व्यवस्था पर विचार करें ताकि नावों से भ्रमण करने वाले देशी-विदेशी पर्यटक नदी में से ही घाटों के बारे में आसानी से जान सकें। उन्होंने कहा कि नाविकों को एक गाइड की भूमिका में प्रशिक्षित किये जाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि वाराणसी के घाटों पर आरती अलग-अलग समय पर न हो। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय की प्रत्येक घाट पर गंगा आरती का समय एक हो, इससे वहां का दृश्य और भव्य एवं मनोरम लगेगा। 
श्रीमती पटेल ने कहा कि नैमिषारण्य का एकीकृत विकास हो। नदी की ओर जाने वाली सड़क को चैड़ा करें, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन विभाग फूड फेस्टिवल आयोजित करते समय अन्य प्रदेशों के मुख्य व्यंजनों को भी शामिल करे, जिससे पर्यटकों को उनके स्वाद का आनन्द मिल सके और उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। राज्यपाल ने बैठक में केन्द्र सरकार के स्वदेश दर्शन स्कीम के अन्तर्गत स्वीकृत विभिन्न पर्यटन परिपथों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक एवं अन्य पर्यटक सर्किट के सभी पर्यटन स्थलों का सभी सुविधाओं सहित विकास सुनिश्चित किया जाये। इससे न केवल देशी-विदेशी पर्यटक उत्तर प्रदेश में भ्रमण के लिए आकर्षित होंगे बल्कि यहां होटल एवं अन्य उद्योगों को आर्थिक लाभ भी होगा।
प्रमुख सचिव पर्यटन जितेन्द्र कुमार ने राज्यपाल के समक्ष पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में विकसित किये जा रहे पर्यटन स्थलों के बारे में प्रस्तुतीकरण दी।
बैठक में उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 नीलकण्ठ तिवारी, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव, प्रमुख सचिव पर्यटन जितेन्द्र कुमार, सचिव पर्यटन रवि कुमार, संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश मिश्र, राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) केयूर सम्पत सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। 


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