गंदी राजनीति और गद्दारी भारत पर पड़ा है हमेशा भारी


राजनीति और गद्दारी दोनों अलग-अलग शब्द हैं | राजनीति का ज्ञान,राजनीति करना,राजनीति की शिक्षा ग्रहण करना अच्छी बात है,परन्तु जब राजनीति गद्दारी भरी हो तो राजनीति गन्दी हो जाती है और फिर देश - प्रदेश का नाश होना संभव हो जाता है | हमारा देश भी सदियों से गन्दी राजनीति और गद्दारी का गढ़ रहा है | देश की वर्तमान स्थिति या आप 2-4 सौ साल पीछे जाकर इतिहास उठाकर देखेंगे तो लगेगा ही नहीं कि यह धरती राम,कृष्ण जैसे परम धीर-वीर की धरती है | भारत माँ का आँचल सदियों ने गद्दार और गन्दी राजनीति करने वाले छत्-विक्षत करते आये हैं | हमारा देश आजादी के बाद भी तरक्की नहीं कर सका इसका मुख्य कारण गन्दी राजनीति और गद्दारी रहा है | हमारे देश में गौरी से लेकर मुग़ल तक और उसके बाद अंग्रेज तक सभी ने सिर्फ गद्दारों के दम पर हमें जीता है और हम पर शासन कर सका है | आजादी के बाद राजनेता खासकर 1990 के समय राजनीति में उभरे नए चेहरों ने राजनीति को और गन्दा कर दिया |  


हमारे देश में पहले राजाओं के शासन थे,उस समय जब बाहरी मुल्क के लोग हमारे देश पर आक्रमण करते थे तो अपनी तरफ कुछ रजवाड़ों को मिला लेते थे और आपस में ही हमारे रजवाड़े को लड़ा कर बाहरी शक्ति हम पर शासन करने लगता था |छुआ - छूत,ऊँच - नीच के कारण बाहरी शक्तियों को हम पर शासन करने में आसानी होती थी | आज भी उसी छुआ - छूत,ऊँच - नीच के कारण हमारे देश में गन्दी राजनीती का व्यापर अच्छे मुनाफे में है | नजर घुमाकर देखें देश के नाम पर कई राजे-रजवाड़े बर्बाद हो गए लेकिन आज भी कुछ रजवाड़े फले फुले हैं वो कौन हैं | अंग्रेजों के साथ मिलकर जिसने देश से गद्दारी की उनके पास अकूत सम्पति यहाँ से लन्दन तक में हैं | वीर भगत सिंह,चंद्रशेखर आजाद,सुभाष चंद्र बोस,रानी लक्ष्मी बाई जैसे मतवाले जवानी में ही मृत्यु को देश के खातिर अपना लिया आज उनका नाम लेने वाला भी नहीं बचा,लेकिन जिन्होंने राज किया सत्ता हासिल की उन सभी की जंयती देश पुरे सानो शौकत के साथ मनाता चला आ रहा है |


देश में गन्दी राजनीति की शुरुआत आजादी मिलने से पहले ही शुरू होने लगी थी जो बाद के कुछ दिनों में थम गयी थी लेकिन उसके बाद गन्दी राजनीति ने जो उड़ान भरी आज तक निरंतर चल रहा है और साथ में संग-संग गद्दारी भी चल रही है | विश्व में कई देश हैं,हर देश में कई विभिन्न विचारधाराओं की राजनीति चल रही है,अपने देश में भी कई मतों विचारधाराओं की राजनीतिक पार्टियाँ हैं लेकिन किसी देश में गद्दार नहीं है | आप अपने पड़ोसी मुल्क पकिस्तान को देख लीजिये,यहाँ भी कई राजनीतिक दल हैं सब आपस में कटते-मरते जरुर हैं लेकिन जहाँ देश की बात आती है सभी एक मत हो जाते हैं,खास कर जब भारत से किसी भी तरीके के तनाव की बात होती है तब सभी एक मत हो जाते हैं,लेकिन हमारे देश में ऐसा नहीं है,भले आग लग जाय देश को राजनीति पहले चमकानी है | आप दूर मत जाएँ अभी की ही स्थितियों पर नज़र डाल लें,विश्व कोरोना वायरस से लड़ रहा है जिससे भारत भी अछूता नहीं है | जब संक्रमण फैलने की बात सामने आई हमारे देश के अगुआ ने इससे बचने का उपाय शुरू कर दिया लेकिन राजनीति नहीं छोड़ी,मध्य प्रदेश की सरकार को गिरा कर अपनी सरकार बना डाली जहाँ ऐसी विभीषिका के समय ना तो कोई स्वास्थ्य मंत्री है और ना ही स्वास्थ्य सचिव | मध्य प्रदेश में सरकार बनने के बाद देश में लॉक डाउन चालू हुआ,कुछ समय के लिए अफरा - तफरी जरुर मची लेकिन हम इस महामारी से जीतते नजर आ रहे थे ऐसे में अचानक एक जमात सामने आया और देश को कोरोना के चक्रव्यूह में फंसा दिया जो अब तक जारी है और इतना सब कुछ होने के बाद भी जमात की तरफदारी भी लगातार कुछ जारी है | ये देश के साथ गद्दारी नहीं है तो क्या है ? मान लिया जमातियों से गलती हुई,तो उसे सुधराने का प्रयास किया जा सकता है लेकिन यहाँ तो पत्थर चलाने का रिवाज है | 


देश में गन्दी राजनीति हावि नहीं होती तो देश इस समय ऐसी संकट में नहीं पड़ता | देश से सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने गद्दारी किया है,एक हिन्दू वोट पाने के लिए तो एक मुस्लिम वोट पाने के लिए | देश में जब नागरिक संशोधन बिल पास हुआ तभी देश से गद्दारी शुरू हुई और अब वही गद्दारी पक्ष - विपक्ष दोनों को भारी पर रहा है | नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ विपक्ष ने मुसलमानों को भड़काया जिसे पक्ष ने हवा दिया,अगर समय रहते शाहिनबाग़,घंटाघर जैसे धरनास्थालों का सही उपचार कर दिया गया होता तो इतने भारी संख्या में विदेशी मुसलमान देश में नहीं आते और ना ही कोरोना का इतना प्रभाव देश पर पड़ता, लेकिन दिल्ली जीतने की मंशा ने पक्ष और विपक्ष दोनों को अँधा कर दिया,जिसका खामियाजा आज देश झेल रहा है |पक्ष को लगा इसी बहाने हिन्दू वोट एकत्रित होकर हमें मिल जायेगा और विपक्ष को लगा पक्ष से खफा मुसलमान हमारे पक्ष में आ जायेगा | ईश्वर ने कोरोना महामारी के रूप में इतनी बड़ी आपदा मानव जाति को दिया है इस आपदा में भी राजनीति करने वाले गन्दी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं | इन गन्दी राजनीति करने वालों को समझना पड़ेगा कि देश और देशवासी बचेंगे तभी राजनीति चलेगी | यही समय है अपने या अपने पुरखों की गलतियों का पाप धुलने का और पुण्य का काम कर देश और देशवासियों को बचाने का |  


जितेन्द्र झा  


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