इन सरकारी बैंकों के लिए आज ऐतिहासिक दिन, अब कभी नजर नहीं आएंगे


नयी दिल्ली | एक अप्रैल यानि आज से सार्वजनिक क्षेत्र के 6 बैंकों का अलग-अलग चार बैंकों में विलय (Bank Merger) हो जाएगा. अगले तीन वर्ष के दौरान इस विलय के जरिए बैंकों को 2,500 करोड़ रुपये का लाभ होने का अनुमान है. विलय की इस योजना के तहत ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स (Oriental Bank Of Commerce-OBC) और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (United Bank Of India-UBI) का पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank-PNB) में विलय हो जाएगा.


विलय के बाद 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे:-


पंजाब नेशनल बैंक+यूनाइटेड बैंक+ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (पंजाब नेशनल बैंक)


केनरा बैंक (Canara Bank)+सिंडिकेट बैंक (केनरा बैंक)


इंडियन बैंक+इलाहाबाद बैंक (इंडियन बैंक)


यूनियन बैंक+आंध्रा बैंक+कॉरपोरेशन बैंक (यूनियन बैंक)


बैंक ऑफ इंडिया


बैंक ऑफ बड़ौदा


बैंक ऑफ महाराष्ट्र


सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया


इंडियन ओवरसीज बैंक


पंजाब एंड सिंध बैंक


भारतीय स्टेट बैंक (SBI)


यूको बैंक (UCO Bank)


ग्राहकों के ऊपर पड़ सकता है ये असर


बैंकिंग सेक्टर से जुड़े जानकारों का कहना है कि विलय के बाद विलय होने वाले बैंकों के ग्राहकों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल कस्टमर्स को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी जारी हो सकता है. नया अकाउंट नंबर मिलने पर आयकर विभाग, इंश्योरेंस कंपनी, MF और NPS आदि में अपडेट कराना होगा. ग्राहकों को लोन की EMI या SIP के लिए नया फॉर्म भरना पड़ सकता है. नया चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड जारी हो सकता है . FD, रेकरिंग डिपॉजिट (RD) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा. वहीं जिस ब्याज पर होम, पर्सनल और व्हीकल लोन लिया है उसमें बदलाव नहीं होगा. कुछ ब्रांच के बंद होने पर कस्टमर्स को नई शाखाओं पर जाना पड़ सकता है.


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