मैँ , मेरा, तेरा और सारा धन यहीं का यहीं धरा रह जायेगा


जीवन में कभी किसी का बुरा ना करें। क्योंकि प्रकृति का नियम है कि आप जो भी करोगे, उसे वह आपको इस जन्म में या अगले जन्म में सौ गुना वापिस करके देगी। यदि आपने किसी को एक रुपया दिया है तो समझो आपके खाते में सौ रुपये जमा हो गये हैं। यदि आपने किसी का एक रुपया छीना है तो समझो आपकी जमा राशि से सौ रुपये निकल गये।


 "आप कौन सा धन साथ लेकर आये थे और कितना साथ लेकर जाओगे ? जो चले गये, वो कितना सोना-चाँदी साथ ले गये ? मरने पर जो सोना-चाँदी, धन-दौलत बैंक में पड़ा रह गया, समझो वो व्यर्थ ही कमाया। औलाद अगर अच्छी और लायक है तो उसके लिए कुछ भी छोड़कर जाने की जरुरत नहीं है, खुद ही खा-कमा लेगी और औलाद अगर बिगड़ी या नालायक है तो उसके लिए जितना मर्ज़ी धन छोड़कर जाओ, वह चंद दिनों में सब बरबाद करके ही चैन लेगी।"


 मैं, मेरा, तेरा और सारा धन यहीं का यहीं धरा रह जायेगा, कुछ भी साथ नहीं जायेगा। साथ यदि कुछ जायेगा भी तो सिर्फ नेकियाँ ही साथ जायेंगे। इसलिए जितना हो सके नेकी करो सतकर्म करो।


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