नैमिष प्रताप ने कोरोना वायरस को बताया काउंट ड्रैकुला से ज्यादा खतरनाक 


जिला मुख्यालय :  आज कोविड - 19 के रुप में केवल रायबरेली ही नहीं बल्कि हमारा राज्य : उत्तर प्रदेश , महादेश : भारत और यह पूरा संसार एक एैसी ' वैश्विक महामारी ' का सामना कर रहा है जिसने संपूर्ण मानव समाज को चुनौती दे रखा है.सभ्यताओं के इतिहास में मनुष्य के समक्ष कभी एैसी चुनौती नहीं आई जिसने इतने बड़े भूभाग को अपने चपेटे में ले लिया हो. यह वकतव्य पत्रकार एवं समाजसेवी नैमिष प्रताप सिंह ने इस संवाददाता से लिखित वकतव्य में बताया. उन्होंने यह भी बताया कि पाषाण युग से लेकर वर्तमान विज्ञान - तकनीक के युग तक की मनुष्य की विकास यात्रा वस्तुत: संघर्ष एवं अनेकानेक चुनौतियों का सामना करने का रहा है. कोरोना वायरस ने संसार की महाशक्ति ' अमेरिका ' को घुटने टेककर घिसटने पर विवश कर दिया .जिन अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के बूते अमेरिका पूरे संसार में दादागीरी करता था , वे कोरोना वायरस के समक्ष पराजित सी लग रही हैं .यदि यह कहा जाए कि कोविड - 19 संसार में नए राजनीतिक  - आर्थिक -  सामाजिक बदलाव का वाहक बनेगा तो यह बिलकुल गलत नहीं होगा . मेरी निजी धारणा यह है कि एशिया के दो बड़े देश  : चीन और भारत की आगामी विश्व व्यवस्था में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होगी लेकिन भारत को इसके पहले कोविड - 19 का कान उमेठकर  जोरदार पटखनी देनी होगी.


नैमिष प्रताप सिंह ने कहा कि अब सवाल उठता है कि कोविड -19 महामारी के आतंक को कैसे नष्ट किया जाए , कैसे इसे जड़ से उखाड़ फेंका जाये ? कोरोना वायरस एक तरह से कई मायनों में काउंट ड्रैकुला ' Count Draculla ' नामक पिशाच से भी ज्यादा खतरनाक है. काउंट ड्रैकुला आयरिश लेखक अब्राहम ब्राम स्टोकर ' Abraham Bram Stoker ' द्वारा 1897 में लिखित  पुस्तक ड्रैकुला का केन्द्रीय किरदार है. काउंट ड्रैकुला रात में एक विशालकाय चमगादड़ का स्वरूप ग्रहण कर लोगों का खून पीता था और उनको बर्बरतापूर्ण ढंग से मारता था. इस खतरनाक पात्र को लेकर फिल्में बनी कामिक्स में यह दहशत  का प्रतीक बना. यदि कुकृत्य की कसौटी पर आंकलन किया जाए तो कोरोना वायरस , काउंट ड्रैकुला नामक पिशाच से ज्यादा भयावह  है. 


नैमिष प्रताप सिंह ने देश में कोविड - 19 के प्रकोप के चलते लाकडाउन ' देशबंदी ' घोषित करने को लेकर यह बताया कि इससे बचाव व रोकथाम के लिए सामाजिक दूरी बनाते हुए चिकित्सकों ने कुछ सामान्य दिशा - निर्देश जारी किये है जैसे कि  मुंह पर मास्क लगाना , हाथों को धुलना , छींक आने - खांसने पर मुंह पर रुमाल रखना. गर्म पानी पीना , बाहर निकलने के बजाय घर पर रहना... आदि. यहां यह समझने की बात है कि कोविड - 19 के खिलाफ केवल पुलिसकर्मियों को ही नहीं लड़ना है बल्कि इस संग्राम में महादेश का प्रत्येक नागरिक एक सेनानी है. हर देशभक्त नागरिक भारतीय सेना पर गर्व करता है . यहां हमें यह ध्यान देना होगा कि हमारी सेना कितनी विपरीत परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा करती है . एैसे में क्या हम राष्ट्र , समाज , परिवार व स्वयं के खातिर क्या घर में रहकर कुछ मामूली दिशा - निर्देशों का पालन नहीं कर सकते है .शासन - प्रशासन अपनी खामियों - कमजोरियों के बावजूद अपनी कर्तव्यों का निर्बहन कर रहा है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोविड - 19 के खिलाफ चल रहे संग्राम में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ - साथ पुलिसकर्मियों , सफाईकर्मियों , मीडियाकर्मयों की बेहद अहम भूमिका है . हमें भी अपनी जिम्मेदारियों का निष्ठापूर्ण ढंग से पालन करना है . रायबरेली जिले के सांसद / विधायकों ( वर्तमान / पूर्व ) , नेताओं , मीडियाकर्मियों , समाजसेवियों , चिकित्सकों , शिक्षकों , अधिवक्ताओं , सेवानिवृति - सैनिकों / अधिकारियों , व्यापारियों  , खिलाड़ियों , कलाकारों ,  युवाओं , छात्रों सहित सभी जागरुक वर्गों  की यह जिम्मेदारी है कि वे फोन व फेसबुक , ह्वाट्स एप , इंस्टाग्राम , टिवटर जैसे आभासी संसार तथा अन्य प्रचार माध्यमों   के जरिये नागरिकों से अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने और देशबन्दी - स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जारी हुए सभी  दिशा - निर्देशों का पालन करने के लिए युद्ध काल की तत्पारता दिखाकर प्रेरित करें जिससे कोविड - 19 को पूर्ण रुप से   पराजित किया जा सकें. 


... प्रस्तुति : गोबिन्द मिश्र , रायबरेली से ...


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