'तबलीगी जमात’ प्रतिबंधित हो - विचार मंच



 













लखनऊ । गत दिवस बुद्धिजीवियों की संस्था ‘विचारमंच’ द्वारा ‘कोरोना महामारी से बचाव के उपायों को ध्यान में रखते हुए दूरभाष पर अपनी नियमित संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें ‘कोरोना और तबलीगी जमात’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने मांग की कि कोरोना महामारी को फैलाने में ‘तबलीगी जमात’ की जो घृणित भूमिका सामने आई है, उससे उसके सुनियोजित षड्यंत्र का पर्दाफाश हो गया है और इसलिए ‘तबलीगी जमात’ पर अविलम्ब प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, साथ ही उक्त संगठन एवं उससे जुड़े लोगों की समस्त सम्पत्ति जब्त की जाय। मुख्य वक्ता के रूप में वाराणसी के पत्रकार अंकित जायसवाल ने कहाकि देशद्रोही तत्व लम्बे समय से भारत को बरबाद करने की रणनीति का अनुसरण कर रहे हैं तथा ‘शाहीनबाग’, ‘दिल्ली दंगा’ एवं ‘तबलीगी जमात’ की हरकतों से उनका वह षड्यंत्र खुलकर सामने आ गया है। लोकतंत्र का फायदा उठाकर एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोही तत्वों ने अपने को बहुत मजबूत कर लिया है तथा वे हर प्रकार से देश का भविष्य अंधकारमय करने पर तुले हुए हैं। इसलिए अब ‘तबलीगी जमात’ पर अविलम्ब प्रतिबंध लगाकर देशद्रोही तत्वों को जेल में
डाला जाना चाहिए।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पत्रकार श्याम कुमार ने कहाकि कट्टरपंथी मुसलिम, हिंदू नामधारी फर्जी सेकुलरिए एवं राजनीतिक चोला पहने हुए तमाम
लोग सत्तर साल से नेहरू वंश के फर्जी सेकुलरवाद की आड़ में अपनी-अपनी जड़ें बहुत मजबूत कर चुके हैं, इसलिए देश को बचाना है तो इन पर जल्दी से जल्दी अंकुश लगाया जाना बहुत जरूरी है। राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अम्बिका प्रसाद तिवारी ने कहाकि जिस कोरोना महामारी ने विश्वभर में तबाही मचा रखी है, उस पर हमारे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सूझबूझ एवं योग्यता से नियंत्रण कर लिया था, लेकिन ‘तबलीगी जमात’ के सुनियोजित षड्यंत्र ने उस सफलता पर तो ग्रहण लगाया ही, उसे ऐसा भयंकर रूप प्रदान कर दिया कि अब उस पर काबू पाने के लिए लम्बे समय तक जनजीवन को अवरुद्ध रखने की आवश्यकता हो गई है। इसके साथ ही देश एवं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात पहुंचा है। वरिष्ठ
मजदूर नेता सर्वेश चंद्र द्विवेदी ने कहाकि जिस ‘तबलीगी जमात’ ने पूरे देश को तबाह कर देने वाले अपने षड्यंत्र से ऐसी स्थिति पैदा की, उस पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए तथा देशभर में फैले हुए इस संगठन के सदस्यों एवं उनसे सहानुभूति रखने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।समाजसेवी सुशीला मिश्र, राजनीति विश्लेषक कुमार अशोक, प्रसिद्ध चिकित्सक डाॅ. अजय दत्त शर्मा, राजनीतिक विश्लेषक ओमप्रकाश पांडेय, विचारक ओमदत्त शर्मा आदि ने भी ‘तबलीगी जमात’ पर प्रतिबंध लगाए जाने का समर्थन किया।











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