वॉल पेन्टिंग में भोलेनाथ कर रहे हैं कोरोना का त्रिशूल से अंत, डॉक्टर-पुलिस कर रहे हैं बचाव


लखनऊ : मनकामेश्वर मठ-मंदिर में महंत देव्यागिरि ने कोरोना जागरुकता पर वॉल पेन्टिंग बनाने वाले दल का अभिनंदन बुधवार 29 अप्रैल को विश्व नृत्य दिवस के अवसर पर किया। सम्मान के रूप में सभी चित्रकार,  ग्राफिक आर्टिस्ट और संयोजकों को उन्होंने माला पहनाने के बाद शिव पुराण और उत्तरीय वस्त्र देकर सम्मानित किया।



मनकामेश्वर मठ की महंत देव्यागिरि ने बताया कि भगवान शिवशंकर का एक अति लोकप्रिय रूप नटराज का है। उन्होंने बताया कि शिव के आनन्द तांडव से सृष्टि अस्तित्व में आती है वहीं रौद्र तांडव में सृष्टि का विलय होता है। आज कोरोना की मार से पूरा विश्व त्राहि माम कर संकट से बचाने की प्रार्थना कर रहा है ऐसे में विश्व नृत्य दिवस पर भगवान शिव की प्रार्थना कर आनंद तांडव की कामना की गई। उन्होंने बताया कि नटराज के पैर के नीचे दानव के प्रतीक रूप में एक बौना भी देखा जा सकता है। वास्तव में वह दानव और कोई नहीं अज्ञानता है। महंत देव्यागिरि ने कहा कि कोरोना भी बिन बुलाए घर में नहीं आता है। इसे महज अज्ञानता के कारण ही लोग प्रसारित कर रहे हैं। इसलिए खासतौर से नटराज का पूजन कर भगवान से प्रार्थना की गई कि वह अज्ञानता का अंत करें।



मनकामेश्वर मठ मंदिर शहर का पहला ऐसा मंदिर है जिसकी दीवारों को कोरोना जागरुकता पर आधारित पेन्टिंग की गई है। उस पन्टिंग में एक ओर जहां शंकर भगवान कोरोना का त्रिशूल से अंत कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर डॉक्टर और पुलिस कर्मियों को देव तुल्य दिखाया गया है जो लोगों की सेवा में दिन रात लगे हुए हैं। इस जागरुकता पेन्टिंग बनाने वाले दल में शामिल राकेश प्रभाकर, धीरेन्द्र प्रताप, शान्ति स्वरूप विश्वकर्मा, सूर्यदीप यादव, अमित रंजन वर्मा, विजय वीर सहित रमाशंकर, आनंद सिंह तोमर, संजय यादव, उदय भान, आदर्श वर्मा को महंत देव्यागिरि ने फूलो की माला पहनाने के बाद शिव पुराण और उत्तरीय वस्त्र देकर सम्मानित किया।


Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें